दंतेवाड़ा और कांकेर कृषि विज्ञान केंद्र ने साबित की देश में अपनी श्रेष्ठता

रायपुर, 23 जुलाई (जस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के दंतेवाड़ा और कांकेर में संचालित कृषि विज्ञान केंद्रों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए इन केन्द्रों के कृषि वैज्ञानिकों और अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।

उल्लेखनीय है कि कृषि वैज्ञानिक केन्द्र दंतेवाड़ा को देश के सर्वश्रेष्ठ कृषि विज्ञान केंद्र का पुरस्कार प्राप्त हुआ है। इसी प्रकार कृषि विज्ञान केंद्र कांकेर  को अटल राष्ट्रीय कृषि विज्ञान प्रोत्साहन पुरस्कार दिया गया है। कृषि मंत्री अग्रवाल से यहां उनके निवास पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के.पाटील ने दोनों कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात कर उन्हें इन राष्ट्रीय उपलब्धियों की जानकारी दी।

कृषि मंत्री अग्रवाल ने इस मौके पर कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों की इस उपलब्धि ने छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया है। दंतेवाड़ा और कांकेर जिले को  देश में नक्सल प्रभावित  जिले के रूप में पहचाना जाता है। परंतु इस दृश्य को बदलने के लिये हमारी पूरी सरकार जिस प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है उसके सकारात्मक परिणाम ऐसे सम्मान के रूप में सामने आ रहे है। राज्य शासन की मंशा के अनुरूप इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किसानों के हित में किए जा रहे कार्यो का लाभ यहां के किसानों को प्राप्त हो रहा है। नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में कृषि विकास की ललक को भी देश देख रहा हैं। निश्चित रूप से हम कह सकते है कि बस्तर में बदलाव आएगा।  दंतेवाड़ा-कांकेर सहित बस्तर के अन्य सभी जिलों को हम कृषि विकास की दौड़ में आगे लेकर जाएंगे।

अग्रवाल ने दंतेवाड़ा जिले के किसानों द्वारा जैविक खेती के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचार की विशेष तौर पर प्रशंसा करते हुए कहा कि भविष्य में यह जिला देश में जैविक खेती के लिए मॉडल बनेगा। उन्होने कहा कि बस्तर में बड़ी संख्या में किसान आज भी परम्परागत खेती कर रहे हैं, जो जैविक खेती की ही तरह एक पद्धति है।