शिमला, 08 जून (जनसमा)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि बहुत से लोग लकड़ी के बक्सों के इस्तेमाल का गंभीर विरोध कर रहे हैं, लेकिन यह निर्णय राज्य के हित में लिया गया है। इस निर्णय से पैकेजिंग के लिए गत्ते के बक्सों का उपयोग लोकप्रिय हुआ है और इससे वनीकरण उपायों में भी मदद मिली है।
वीरभद्र बुधवार को शिमला ज़िले के विधानसभा क्षेत्र ठियोग के कोट-शिलारू में सत्यानंद स्टोक्स फल उत्कृष्टता केन्द्र तथा संधू में सब्जी मंडी की आधारशिलाएं रखीं।
शिलारू में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि किसान समुदाय को निरंतर प्रशिक्षण और खेती प्रौद्योगिकी से परिचित होने से ही बागवानी क्षेत्र में फलों की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोट-शिलारू में सत्यानंद स्टोक्स समशीतोष्ण फल उत्कृष्टता केन्द्र में उत्पादकों को जागरूक करने तथा उच्च उत्पादन के लिए उच्च घनत्व पौधारोपण के बारे बागवानों को जागरूक बनाने तथा उन्हें आधुनिक तकनीकी से लाभान्वित करने के लिए सेब, नाशपाती, चेरी तथा इनके प्रतिरूपक प्रजातियां उपलब्ध होंगी।
उन्होंने कहा कि राज्य में फल फसलों की कम उत्पादकता की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने बागवानी क्षेत्र के तीव्र एवं सत्त विकास के लिए विश्व बैंक के साथ 1134 करोड़ रुपये की एक परियोजना हस्ताक्षरित की है। परियोजना अगले पांच सालों के लिए राज्य के सभी 12 ज़िलों में क्रियान्वित की जाएगी। उन्होंने कहा कि परियोजना को क्रियान्वित करने का उद्देश्य फल उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार लाना तथा परागन प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीक अपनाने व अनुत्पादक बागानों को एक नया जीवन प्रदान करने के साथ-साथ तकनीकी उन्नयन करना है।
उन्होंने कहा कि परियोजना में गर्मियों तथा पौधों की वृद्धि अवस्था के दौरान पानी की उपलब्धता सुनिश्चित बनाने तथा क्षेत्र की 19,560 हैक्टेयर भूमि में सामुदायिक सिंचाई विकसित करने का विशेष प्रावधान किया गया है।
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