राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित

नई दिल्ली, 2 नवंबर| दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता बुधवार को बुरी तरह प्रभावित रही। राजधानी में 30 अक्टूबर की दिवाली की रात के बाद हवा में जहर एक नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। हवा की गुणवत्ता की निगरानी करने वाली एजेंसियों ने कहा कि प्रदूषण स्तर अगले कुछ दिनों तक प्रतिकूल जलवायु पस्थितियों की वजह से ‘गंभीर’ बना रहेगा।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, हवा गुणवत्ता सूचकांक ने बुधवार को 494 का आंकड़ा छू लिया। यह गंभीर श्रेणी के तहत आता है। यह आंकड़ा दिखाता है कि आनंद विहार में हवा की गुणवत्ता राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को सबसे खराब रही।

यह सूचकांक सोमवार को 445 और मंगलवार को 389 रहा।

मंगलवार को हवा की गुणवत्ता मामूली सुधार के साथ ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंचा।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता एवं मौसम अनुमान एवं अनुसंधान तंत्र (सफर) ने भी शहर के प्रदूषण के बारे में एक गंभीर स्थिति पेश की थी।

इसके अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण स्तर अगले कुछ दिनों तक ‘गंभीर’ बने रहने की संभावना है। हवा की गति और तापमान में कमी से आद्र्रता में वृद्धि हुई है, जो अच्छा है।

सफर की एक शोधकर्ता नेहा पारखी ने कहा, “हवा की गति मंगलवार को बढ़कर दो किमी प्रति घंटा हो गई। इससे प्रदूषकों के बिखराव में कुछ हद तक मदद मिली। हालांकि, हवा की गति बुधवार को एक किमी प्रति घंटा से कम हो गई। पंजाब और हरियाणा से चलने वाली हवा पूरी तरह से बंद है। इसके अलावा तापमान में कमी आने से नमी बढ़ी है। इन कारकों ने प्रदूषकों का प्रसार अवरुद्ध कर दिया है।”

दिल्ली में वायु प्रदूषकों की उच्च मात्रा की वजह से दृश्यता में कमी आई है। दिवाली पर छोड़े गए पटाखों ने इसे बदतर बना दिया है।

सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरमेंट के सदस्य विवेक चट्टोपाध्याय ने कहा, “हवा की गति शून्य है, क्योंकि यह लंबवत हवा की गति है। पटाखे छोड़ना, वाहनों और बिजली संयंत्रों के प्रदूषण इसमें अपना योगदान दे रहे हैं।”

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कई जगहों पर बुधवार को प्रदूषण स्तर सुरक्षित सीमा से ऊपर पीम 2.5 और पीएम10 तक रहा। पीएम 2.5 स्तर की सीमा 408 से 500 से ज्यादा और पीएम10 स्तर की सीमा 392 से 500 से ज्यादा होती है।

–आईएएनएस