नई दिल्ली, 02 मार्च (जनसमा)। ‘दिल्ली खाए महंगा, मुंबई खाए सस्ता’। इस वाक्य को पढ़कर आपको लगेगा कि माजरा क्या है। सचाई यह है कि पिछले साल के नवंबर की नोटबंदी के बाद से महाराष्ट्र में अभी तक सब्जियों और दालों के भाव में कोई खास सुधार नहीं हुआ है।
उपलब्ध जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में जहां पर प्याज और टमाटर की खेती अधिक होती है वहां प्याज 5 रुपया 20 पैसा और टमाटर 5 रुपये किलो बिक रहा है। कुछ इलाकों में तो टमाटर पिछले साल 2 रुपये किलो भी बिका था।
दूसरी ओर दिल्ली में सब्जियों के भाव आसमान छूते रहे हैं। दिल्ली में प्याज, टमाटर और आलू की कीमत अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग तरह की है।
कुछ इलाकों में आलू जहां 10 रुपए किलो बिक रहा है तो कहीं 20 रुपये किलो। यही हाल टमाटर का भी है। प्याज दिल्ली में 25 से 30 रुपए किलो बिक रहा है।
दिल्ली में सब्जियों के खुदरा मूल्य महाराष्ट्र की तुलना में 100 से 200 प्रतिशत अधिक है। जहां मुंबई में आलू का थोक भाव इन दिनों 7.50 रुपए प्रति किलो है तो वहीं दिल्ली में कहीं ज्यादा है।
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को सरकारी नीतियों के कारण पर्याप्त उत्पादक मूल्य नहीं मिल रहा है। वहीं उत्तर भारत की मंडियों में बिचौलिये सस्ते भावों में सब्जियां खरीदकर उपभोक्ताओं को 200 से 300 प्रतिशत अधिक कीमत पर बेच रहे हैं।
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