नई दिल्ली, 5 सितंबर| लगातार दूसरे वर्ष 2015 में दिल्ली को वरिष्ठ नागरिकों के लिए असुरक्षित शहर के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह जानकारी ‘भारत में अपराध’ के आंकड़ों के आधार पर राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट में दी गई।
प्रति एक लाख वरिष्ठ नागरिक पर अपराध दर 108.8 के साथ पूरे देश की तुलना में दिल्ली के वरिष्ठ नागरिक को अपराधों से प्राय: पांच गुना अधिक पीड़ित होने की संभावना है। इस तरह के अपराधों की राष्ट्रीय दर 20 है।
इस श्रेणी में दिल्ली के बाद मध्य प्रदेश, अपराध दर 60.5(3,456 मामले), छत्तीसगढ़, अपराध दर 53.7 (1077 मामले) और आंध्र प्रदेश, अपराध दर 51.6 (2,495 मामले) का स्थान है।
राष्ट्रीय राजधानी में अधिकांश वरिष्ठ नागरिक, जिन अपराधों के शिकार होते हैं उनमें लूटपाट (145 मामले), ठगी(123 मामले), हत्या (14 मामले), गंभीर रूप से घायल करना (9 मामले), जबरन वसूली (3 मामले), गैर इरादतन हत्या (2), दुष्कर्म (1) ,डकैती (2) और भारतीय दंड संहिता के अन्य धाराओं के तहत अधिकतम 947 मामले शामिल हैं।
साल 2015 में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ दिल्ली में हुए अपराधों के कुल 1,248 मामले दर्ज किए गए थे।
साल 2014 में एनसीआरबी ने पहली बार वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ हुए अपराधों की गणना की थी, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में अपराध दर प्रति एक लाख 89 थी जो बढ़कर साल 2015 हो गई। अर्थात यह वृद्धि प्रति एक लाख 19.8 है।
साल 2015 में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ हुए विभिन्न आपराधिक मामलों की तुलना में अपराधियों की गिरफ्तारी की संख्या करीब एक तिहाई (385) थी। आंकड़े के अनुसार, सभी अपराधी पुरुष थे।
राष्ट्रीय राजधानी में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध दर में वृद्धि के बारे में पूछने पर विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) ताज हसन ने आईएएनएस से कहा, “प्रत्येक मामला दर्ज करने के लिए हम साल 2014 से अभियान चला रहे हैं। साल 2014 में अपराध दर में बड़ी वृद्धि देखी गई और उसके बाद 2015 में वृद्धि हुई। इसलिए हम चाहते हैं कि प्रत्येक अपराध को पता लगाना चाहिए और सही तरीके से मामला दर्ज होना चाहिए।”
अधिकारी ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा को लेकर दिल्ली पुलिस काफी गंभीर है। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय में 20 जून, 2004 में एक वरिष्ठ नागरिक सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन किया गया था और अब यह सभी 11 जिलों में बन गया है।
अधिकारी ने कहा कि टेलीफोन के जरिए और सीधे संवाद कर पंजीकृत वरिष्ठ नागरिकों की निगरानी करना पुलिस की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “इलाके के अधिकारियों की मदद से हम वरिष्ठ नागरिकों के साथ समन्वय बनाते हैं और उन्हें सुरक्षा संबंधी आश्यक सलाह देते हैं।”
अधिकारी ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक विशिष्ठ हेल्पलाइन नंबर 1291 है, जिस पर वे संकट की स्थिति में किसी भी समय फोन कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इलाके के अधिकारी महीने एक या दो बार उनके घर भी जाते हैं।
एनसीआरबी के आंकड़े के अनुसार, साल 2015 में देशभर में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ हुए विभिन्न अपराधों के कुल 20,532 मामले दर्ज किए गए, जबकि साल 2014 में यह संख्या 18,714 थी।
एनसीआरबी के आंकड़े गत 30 अगस्त को जारी किए गए। देखभाल और माता-पिता के कल्याण और वरिष्ठ नागरिक अधिनियम, 2007 में 60 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों को वरिष्ठ नागरिक के रूप में पारिभाषित किया गया है।
–आईएएनएस
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