खेलों में बढ़ती हुई युवाओं की अभिरुचि और खेलों के विस्तार और विकास के साथ-साथ देश में फिजियोथेरेपी परिषद् की स्थापना की जानी चाहिए।
यह मांग स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपिस्ट की पहली कांफ्रेस ‘स्पोर्ट्स कनेक्ट-2018’ में की गई। कांफ्रेस रविवार को नई दिल्ली के मावलंकर सभागार में सम्पन्न होगई
आयोजन समिति की अध्यक्ष और फिजियोथेरेपिस्ट डाॅ़ रुचि वार्ष्णेय ने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘खेलो इण्डिया विजन’ को और अधिक विस्तार देने में फिजियोथेरेपिस्ट महत्वपूर्ण योगदान देसकते हैं।
पैनल चर्चा में अनेक खेल विशेषज्ञों और फिजियोथेरेपिस्ट ने भाग लिया और चुनौतियों पर चर्चा की। साथ ही महिला खिलाड़ियों की फिजियो संबंधी जरूरतों पर बातचीत की गई।
‘स्पोर्ट्स कनेक्ट-2018’ का उद्घाटन करते हुए भारतीय हाॅकी टीम के पूर्व कप्तान तथा राज्यसभा के सदस्य दिलीप टिर्की ने कहा कि उनके करियर में फिजियोथेरेपी की सकारात्मक भूमिका रही है।
उन्होंने कहा कि हॉकी टीम के सदस्यों की फिटनेस में फिजियोथेरेपिस्ट का सराहनीय योगदान रहा है।
खेल फिजियोथेरेपी में थीम चेंजिंग ट्रेंड्स के साथ-साथ सर्वश्रेष्ठ खेल फिजियोथेरेपिस्ट्स को एक साथ लाने, विषय से संबंधित आंकड़ों, ताजा अध्ययन और निष्कर्षों पर चर्चा करने का यह आयोजन डाॅ. रुचि और उनकी टीम की दिमागी उपज थी।
समापन सत्र की अध्यक्षता एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक विजेता तथा प्रसिद्ध निशानेबाज पद्मश्री जसपाल राणाजी ने की।
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