नई दिल्ली, 15 अगस्त (जनसमा)। केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने गृह और आईटी और दूरसंचार मंत्रियों को पत्र लिखकर कहा है कि सोशल मीडिया से ऑनलाइन खेल ‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ को हटाने की कार्रवाई की जाए।
“ब्लू व्हेल चैलेंज”, एक इंटरनेट “गेम” है जिसे कई देशों में प्रचारित होने का दावा किया गया है। कहा जाता है कि खेल में कथित रूप से 50 दिन की अवधि के दौरान टास्क दिया जाता है और पूरा नहीं करने पर आत्महत्या करने के लिए उकसाया जाता है।
केरल के मुख्यमंत्री पीनाराय विजयन ने भी पिछले हफ्ते प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस खेल को खेल पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा था।
इसी तरह मध्यप्रदेश के तकनीकी शिक्षा , स्कूल शिक्षा एवं श्रम राज्य मंत्री दीपक जोशी ने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर’ ब्लू व्हेल चैलेंज’ मोबाइल गेम को प्रतिबंधित करने की मांग की है। जोशी ने कहा है कि इस गेम के जाल में फंसकर बच्चे आत्महत्या जैसे गंभीर कदम उठा रहे हैं।
जोशी ने मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा एवं प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा को भी इस गेम से होने वाले नुकसान के प्रति शैक्षणिक संस्थाओं के बच्चों को जागरूक करने के संबंध में जरूरी कार्यवाही के निर्देश दिये हैं।
खबरों में कहा जारहा है कि इस घातक खेल के कारण पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर में कक्षा 10 के एक छात्र ने पिछले हफ्ते आत्महत्या कर ली थी। बाल कल्याण और विकास मंत्री मेनका गांधी ने सोमवार को अपने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में गृहमंत्री आईटी मंत्री से उपयुक्त हस्तक्षेप करके सोशल मीडिया से इसे हटाने का सुझाव दिया है।
पिछले हफ्ते देहरादून स्कूल के कर्मचारियों ने खुद को मारने का प्रयास करने वाले एक पांचवीं छात्र को ऐसा करने से रोक दिया था। एक अन्य घटना में पुणे पुलिस ने एक लड़के को बचाया था।
देश में एक घातक प्रवृत्ति उजागर हुई जब एक 14 वर्षीय लड़के ने अगस्त में मुंबई में एक इमारत के पांचवें मंजिल से कूदने की चुनौती स्वीकार करके जान देदी।
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