राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने आज, 22 फरवरी, 2020 बेंगलूरु में द हिंदू के चौथे वार्षिक विचार सम्मेलन ‘द हडल’ (The Huddle) को संबोधित करते हुए कहा कि जागरूक नागरिक यानी निष्प क्ष पत्रकारिता के बिना लोकतंत्र अधूरा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि इंटरनेट और सोशल मीडिया (social media ) ने पत्रकारिता और लोकतंत्र को पुनर्जीवित किया है। यह प्रक्रिया जारी है लेकिन फिलहाल अपने आरंभिक चरण में है। साथ ही, इसने कई चिंताओं को भी जन्म दिया है।
कोविंद ने कहा कि नई मीडिया काफी तेज और लोकप्रिय है और लोग वही चुन सकते हैं जो वे देखना, सुनना या पढ़ना चाहते हैं। लेकिन पारंपरिक मीडिया ने वर्षों के दौरान समाचार के सत्यापन के लिए कौशल विकसित किया है और यह काम महंगा है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि हम जल्द ही सामंजस्य की स्थिति तक पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि इस दौरान पारंपरिक मीडिया को समाज में अपनी भूमिका पर आत्मनिरीक्षण करना होगा और पाठकों का विश्वास को फिर से हासिल करने के तरीके तलशने होंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि कभी-कभी हठधर्मिता और व्यक्तिगत पूर्वाग्रह भी सत्य को विकृत करते हैं।
उन्होंने पत्रकारिता (Journlism) के पांच मूल सिद्धांतों- सच्चाई, स्वतंत्रता एवं आजादी, न्याय, मानवता और सामाजिक भलाई में योगदान- पर जोर देने के लिए उनकी सराहना की।
उन्होंने कहा कि द हिंदू एक ऐसा नाम है जो न केवल भारत की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है बल्कि एक इतिहास खंड को भी संजोया हुआ है जो सभ्यता के संदर्भ में दुनिया में अद्वितीय है।
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