अयोध्याधाम, 8 मार्च। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में प्रस्तुत श्री राम राग सेवा श्रृंखला के अंतर्गत राग महोत्सव में गुरुवार 7 मार्च को सायं जानीमानी कथक नृत्यांगना सुश्री प्रेरणा श्रीमाली ने प्रभु श्री राम पर रचित पदों पर भावपूर्ण नृत्य प्रभु श्रीराम के चरणों में प्रस्तुत किया।
श्रीराम मंदिर प्रागण में प्रस्तुत नृत्य ने हज़ारों श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।
प्रेरणा श्रीमाली ने अत्रि मुनि की रचना राम स्तुति से कार्यक्रम की शुरुआत की। साथ ही श्री शंकराचार्य द्वारा रचित शिवस्तुति के आलावा मीरा की राजस्थानी काव्य रचना ‘थाने कांई कांई कह समझांवां ‘ और कबीर के पद ‘रामबिन तन की ताप न जाई’ पदों पर भी नृत्य किया। उन्होंने भगवन राम की महिमा पर केंद्रित पारम्परिक कवित्त भी प्रस्तुत किया।
श्रीमाली के साथ तबले पर प्रसिद्ध तबलावादक और गुरु भाई फ़तेह सिंह गंगानी, सितार पर नीरज मिश्रा, पखावज पर भूषण और गायन में संदीप ने संगति की।
इससे पूर्व महाराष्ट्र की शास्त्रीय गायिका श्रीमती गौरी याडवडकर ने प्रभु श्री राम पर केंद्रित रचनाओं की शानदार प्रस्तुति की।
श्री राम लाला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से प्रस्तुत किये जाने वाले राग महोत्सव की परिकल्पना और संयोजन यतीन्द्र मिश्र ने किया है। वे जाने माने लेखक और कला संस्कृति विद्वान हैं।
राग महोत्सव में अब तक जिन विख्यात कलाकारों ने श्री राम मंदिर में अपनी कला प्रभु चरणोँ में समर्पित की हैं उनमें नृत्यांगना और सिने कलाकार श्रीमती वैजयंतीमाला बाली, हेमा मालिनी, डॉ. पद्मा सुब्रमण्यम, स्वप्न सुंदरी, प्रतिभा प्रह्लाद , सुजाता महापात्र, दर्शना झावेरी, गोपिका वर्मा और सरोदी कैविया आदि अनेक गायक और नृत्यकार हैं।
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