धर्मशाला, 28 मार्च| विजय रथ पर सवार भारतीय क्रिकेट टीम ने हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) स्टेडियम में खेले गए चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के चौथे दिन मंगलवार को आस्ट्रेलिया को आठ विकेट से हराकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी एक बार फिर अपने नाम कर ली। आस्ट्रेलिया के खिलाफ संघर्षपूर्ण और रोमांचक चार टेस्ट मैचों की इस श्रृंखला पर मेजबान टीम ने 2-1 से अपना कब्जा जमाया।
भारत को चौथी पारी में जीत के लिए 106 रनों की जरूरत थी, जिसे उसने चौथे दिन पहले सत्र में ही दो विकेट खोकर हासिल कर लिया। लोकेश राहुल 51 रन और नियामित कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी में टीम की कमान संभाल रहे अजिंक्य रहाणे 38 रन बनाकर नाबाद लौटे। राहुल ने 76 गेंदों का सामना किया और नौ चौके लगाए। यह उनका इस श्रृंखला में छठा अर्धशतक है। रहाणे ने अपनी पारी में चार चौके और दो छक्के लगाए।
इसी के साथ रहाणे ने कप्तान के तौर पर पहले मैच में जीत हासिल करने का रिकार्ड भी अपने नाम किया।
भारत ने आस्ट्रेलिया की पहली पारी के 300 रनों के स्कोर का जवाब देते हुए अपनी पहली पारी में 332 रन बनाकर 32 रनों की बढ़त ली थी। इसके बाद तीसरे दिन आस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 137 रनों पर ही सिमट गई। भारत को जीत के लिए 106 रनों की दरकार थी। मेजबान टीम ने तीसरे दिन बिना कोई विकेट खोए 19 रन बनाए थे।
अपने तीसरे दिन के स्कोर से आगे खेलने उतरी भारतीय टीम ने दिन का पहला विकेट मुरली विजय (8) के रूप में गंवाया। वह पैट कमिंस की गेंद पर विकेट के पीछे मैथ्यू वेड के हाथों लपके गए। इसके बाद मैदान पर आए चेतेश्वर पुजारा खाता नहीं खोल पाए। वह राहुल के साथ रन लेने में गलतफहमी का शिकार हुए और ग्लैन मैक्सवेल ने विकटों पर सीधा निशाना साधते हुए पुजारा को पवेलियन लौटाया। भारत ने 46 रनों पर अपने दो विकेट गंवा दिए थे।
इसके बाद उतरे कप्तान रहाणे ने तेजी से रन बनाए और दूसरे छोर पर खड़े राहुल का बखूबी साथ दिया। रहाणे ने खासकर कमिंस को निशाना बनाया। उन्होंने कमिंस की गेंदों पर तीन चौके और लगातार दो छक्के जड़े।
आस्ट्रेलिया ने पहली पारी में कप्तान स्टीव स्मिथ के 111 रनों के दम पर 300 रन बनाए थे। भारत की तरफ से अपना पहला मैच खेल रहे चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव ने पहली पारी में चार विकेट लेकर सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा। भारत ने अपनी पहली पारी में 332 रन बनाकर 32 रनों की बढ़त ले ली थी। इसके बाद मेजबान टीम ने अच्छी गेंदबाजी के दम पर आस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 137 रनों पर समेट दी।
‘मैन ऑफ द मैच’ और ‘मैन ऑफ द सीरीज’ रहे रवींद्र जडेजा ऐसे तीसरे हरफनमौला खिलाड़ी हैं, जिन्होंने किसी एक सत्र में 500 से अधिक रन बनाए हैं और 50 से अधिक विकेट लिए हैं। जडेजा से पहले कपिल देव ने 1979-80 और मिशेल जॉनसन ने 2008-09 सत्र में यह कारनामा किया था।
जडेजा द्वारा दूसरी पारी में बनाए गए 63 रनों की ही बदौलत भारत इस मैच में अपनी पकड़ मजबूत कर सका। उन्होंने दूसरी पारी में रिद्धिमान साहा (31) के साथ सातवें विकेट के लिए 96 रनों की साझेदारी कर भारत को मामूली ही सही लेकिन अहम बढ़त दिलाई थी।
पुणे में खेले गए पहले टेस्ट मैच में आस्ट्रेलिया ने जीत हासिल करते हुए भारत की चुनौती को बढ़ा दिया लेकिन बेंगलुरु में दूसरे टेस्ट में जीत दर्ज कर भारत ने श्रृंखला में वापसी की थी। रांची में खेला गया श्रृंखला का तीसरा टेस्ट मैच ड्रॉ रहा था।
यह भारत की इस सत्र में लगातार चौथी श्रृंखला जीत है। न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम ने जीत से शुरुआत की और आस्ट्रेलिया के खिलाफ इस सत्र का अंत जीत के साथ किया। कोहली की कप्तानी में यह भारत की लगातार सातवीं श्रृंखला जीत है। उनके नेतृत्व में टीम ने अभी तक कोई टेस्ट श्रृंखला नहीं हारी है।
साथ ही भारत की यह ऐसी चौथी श्रृंखला जीत है, जिसमें उसने पहले टेस्ट मैच में हार के बाद जीत हासिल की है। इससे पहले इंग्लैंड (1972-73), आस्ट्रेलिया (2000-01) और श्रीलंका (2015) के खिलाफ खेली गई श्रृंखला में पहला टेस्ट मैच हारने के बाद भारत ने जीत हासिल की थी। –आईएएनएस
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