Dharmendra

राजनीति के वीरू नहीं बन पाए धर्मेद्र

नई दिल्ली, 8 दिसम्बर | धर्मेंद्र का नाम लेते ही बॉलीवुड पर राज करने वाले एक खूबसूरत, रोमांटिक नायक की तस्वीर जेहन में उभर आती है। टाइम्स पत्रिका ने उन्हें दुनिया के 10 सबसे खूबसूरत अभिनेताओं में शुमार किया। मशहूर अभिनेत्री जया बच्चन उनकी खूबसूरती से प्रभावित होकर उन्हें ग्रीक देवता मानती हैं। अभिनेता दिलीप कुमार ने यहां तक कह दिया था कि वह अगले जन्म में धर्मेद्र जैसी शख्सियत बनना चाहते हैं। उन्हें ‘ही मैन’ भी कहा गया।

धर्मेद्र की खूबसूरती और आकर्षक व्यक्त्वि का ही असर रहा है कि स्वप्न सुंदरी के नाम से मशहूर हेमा मालिनी उनकी पत्नी हैं। धर्मेद्र का असली नाम धरम सिंह देओल है। उनका जन्म पंजाब के कपूरथला जिले में आठ दिसंबर, 1935 को हुआ था। वैसे असल में वह साहनेवाल गांव के रहने वाले हैं। वह पहलवानी के जबरदस्त शौकीन थे। धर्मेद्र अभिनेता सनी और बॉबी देओल के पिता हैं। धर्मेद्र 2004 से 2009 तक भारतीय जनता पार्टी की तरफ से बीकानेर के सांसद रहे। लेकिन शोले में गब्बर सिंह जैसे दुर्दात डकैत को काबू करने वाले धर्मेद्र राजनीति के वीरू नहीं बन पाए। उन्हें राजनीति रास नहीं आई।

मशहूर अदाकारा सुरैया के धर्मेद्र इतने दीवाने थे कि उनकी फिल्म ‘दिल्लगी’ (1949) को उन्होंेने 40 बार देखा। वह मीलो पैदल चलकर सिनेमाघर जाते थे। उन्होंेने सिर्फ हाईस्कूल तक ही पढ़ाई की थी। फिल्मों में आने से पहले धर्मेद्र रेलवे में क्लर्क थे। सवा सौ रुपये महीना उनकी तनख्वाह थी। 19 साल की उम्र में ही उनकी शादी प्रकाश कौर से हो गई। नई प्रतिभाओं की तलाश के लिए फिल्मफेयर की तरफ से आयोजित टैलेंट हंट प्रतियोगिता में धर्मेद्र विजेता बन कर बाजी मार ले गए।

टैलेंट हंट जीतने के बाद भी धर्मेद्र के लिए फिल्मों की राह आसान नहीं हुई। उन्होंेने कड़ा संघर्ष किया। कई बार वह चने खाकर बेंच पर सो जाते और कभी-कभी तो चना भी नसीब नहीं होता। वह अपने एक दोस्त के साथ जुहू में रहा करते थे। एक बार भूख से व्याकुल धर्मेद्र ने अपने दोस्त के मेज पर रखे ईसबगोल का पैकेट देखा तो उन्होंेने पूरा ईसबगोल ही खा लिया। तबीयत खराब होने पर उन्हें चिकित्सक के पास ले जाया गया।

निर्माता-निर्देशक धर्मेद्र को पहलवानी में हाथ आजमाने का सलाह देकर अपने दफ्तर से उन्हें चलता कर देते। इसी दौरान आकर्षक धर्मेद्र अर्जुन हिंगोरानी को भा गए। उन्हें महज 51 रुपये देकर फिल्म ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ (1960) में नायिका कुमकुम के साथ हीरो की भूमिका के लिए साइन कर लिया गया। यह फिल्म कुछ खास नहीं चली।

धर्मेद्र को फिल्म ‘फूल और पत्थर’ से पहचान मिली। यह उनके करियर की पहली हिट फिल्म थी। फिल्म की शूटिंग के दौरान उनकी नजदीकियां मीना कुमारी के साथ बढ़ी और वह शायरी करने के शौकीन हो गए। हालांकि, मीना कुमारी के साथ उनका रिश्ता लंबा नहीं चला। धर्मेद्र ने ‘ड्रीम गर्ल’, ‘शोले’, और ‘रजिया सुल्ताना’ आदि फिल्मों में बेहद खूबसूरत अदाकारा हेमा मालिनी के साथ काम किया और इसी दौरान दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा। हेमा के साथ रोमांस के लिए धर्मेद्र कई बार कैमरामैन को रिश्वत भी दिया करते थे। आखिरकर 1981 में अभिनेता ने इस्लाम धर्म अपनाकर दिलावर खान के नाम से हेमा संग शादी रचा ली। एशा देओल और आहना देओल दोनों की बेटियां हैं।

अपने करियर में धर्मेद्र ने ‘सत्यकाम’, ‘बंदिनी’, ‘शोले’, ‘धर्मवीर’, ‘अनुपमा’, ‘जुगनू’, और ‘चुपके-चुपके’ जैसी एक से बढ़कर एक शानदार फिल्में कीं। धर्मेद्र ने पंजाबी फिल्मों ‘पुत्त जट्टां दे’, ‘तेरी मेरी इक जिन्दर’ आदि में भी काम किया है। 1991 में बतौर निर्माता धर्मेद्र की फिल्म ‘घायल’ को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। अभिनेता को 1997 में फिल्मों में उल्लेखनीय योगदान के लिए फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2012 में उन्हें पद्मभूषण से नवाजा गया। 2011 में फिल्म ‘यमला पगला दीवाना’ में धर्मेद्र अपने दोनें बेटों के साथ नजर आएं। उन्होंेने तीन दशकों तक फिल्म उद्योग पर राज किया है। धर्मेद्र का जलवा आज भी बरकरार है।

उनके जन्मदिन पर हम उनकी लंबी आयु की कामना करते हैं और चाहते हैं कि वह अपने प्रशसंकों का मनोरंजन करते रहें। जन्मदिन के अवसर पर बॉलीवुड के ‘ही मैन’ को ढेरों शुभकामनाएं। –आईएएनएस