वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 11दिसंबर 2023 तक डिजिटल भुगतान का लेनदेन 11,660 करोड़ तक पहुंच गया है।
नई दिल्ली, २० दिसंबर। हाल के वर्षों में डिजिटल भुगतान में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
यह बात केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत किसनराव कराड ने मंगलवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कही।
केन्द्रीय मंत्री ने आगे कहा कि कुल डिजिटल भुगतान के लेनदेन की मात्रा वित्तीय वर्ष 2017-18 में 2,071 करोड़ से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2022-23 में 45 प्रतिशत के सीएजीआर पर 13,462 करोड़ हो गई।
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 11दिसंबर 2023 तक डिजिटल भुगतान का लेनदेन 11,660 करोड़ तक पहुंच गया है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि थोक भुगतान के लिए, रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) भुगतान प्रणाली उपलब्ध है और खुदरा भुगतान के लिए, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई), नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी), तत्काल भुगतान सेवा [इमीडियेट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस), क्रेडिट एवं डेबिट कार्ड, प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट, नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (एनएसीएच), आधार सक्षम भुगतान सेवा (एईपीएस) (फंड ट्रांसफर), भीम आधार पे और राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (एनईटीसी) (बैंक खाते से जुड़ा हुआ) जैसे भुगतान उत्पाद उपलब्ध हैं।
वित्त राज्यमंत्री डॉ. कराड ने कहा कि आरबीआई के साथ समन्वय करते हुए सरकार लगातार भुगतान सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए डिजिटल भुगतान को उपयोगकर्ताओं के अनुकूल बनाने का लक्ष्य रखती है।