रायपुर 06 सितम्बर (जस)। छत्तीसगढ़ केमुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मंगलवार को यहां प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डी.बी.टी.) योजना की एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि डी.बी.टी. को त्रिवेणी संगम जैसी पवित्र योजना है। जिस प्रकार नदियों के पवित्र त्रिवेणी संगम में स्नान करने पर पुण्य लाभ मिलता है, ठीक उसी तरह प्रधानमंत्री की जन-धन योजना, आधार कार्ड परियोजना और मोबाईल फोन पर आधारित केन्द्र सरकार के इस महत्वपूर्ण प्रकल्प में शामिल होकर नागरिकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सकता है।
उन्होंने कहा कि इन योजनाओं की अनुदान राशि उनके आधार कार्ड नम्बरों के जरिए हितग्राहियों के बैंक खातों में कम से कम समय में सीधे हस्तांतरित हो सकती है। इससे अनुदान वितरण में और भी ज्यादा पारदर्शिता आएगी। अनियमितता की आशंकाए भी नहीं रह जाएंगी।
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि जनधन, आधार और मोबाइल तीनों को मिलाकर इस परियोजना को संक्षेप में ’जेम’ भी कहा जाता है। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डी.बी.टी.) दुनिया में अपनी तरह की सबसे बड़ी परियोजना है, जिसका संचालन भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है। केन्द्र और राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं को शामिल कर डी.बी.टी. का और भी ज्यादा विस्तार किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ राज्य में इस महीने की 30 तारीख तक डी.बी.टी. प्रकोष्ठ का गठन करने का लक्ष्य है, ताकि उसके जरिये नागरिकों को एक सुगम और विश्वसनीय डिजिटल प्लेटफार्म मिल सके।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर खुशी जतायी की राज्य में 90 प्रतिशत लोगों के आधार पंजीयन का काम पूरा हो चुका है। डी.बी.टी. के संचालन के लिए शत-प्रतिशत आधार पंजीयन और सभी परिवारों के बैंक खाते खोलने का लक्ष्य है। साथ ही सभी ग्राम पंचायतों में बैंक खोलने का भी प्रयास किया जा रहा है। राज्य सरकार ने प्रदेश की समस्त लगभग 11 हजार ग्राम पंचायतों में लोक सेवा केन्द्र खोलने का काम भी शुरू कर दिया है।
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