कोरोना (COVID-19) के बारे में क्या सोचते हैं दिव्यांग विद्यार्थी (Divyang student) और क्या है उनका संदेश, देखे उनके द्वारा बनाये चित्रों में ।
….तो कुछ मुद्दे ऐसे होते हें कि विद्यार्थी( भी उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रहते। ऐसा ही दृश्य आज दुनिया के हर बच्चे के सामने है जिसे वे अपने-अपने तरीक से समझने की कोशिश कर रहे हैं।
आइये जानते हें कि दूरदराज के इलाकों में रहने वाले दिव्यांग विद्यार्थी (Divyang student) क्या सोचते हें कोरोना के बारे में और कैसी है उनकी प्रतिक्रिया।
कोरोनावायरस के संकट से मुक्ति के लिए जहाँ संसार के सभी देश और नागरिक एक निर्णायक लड़ाई में अपना योगदान दे रहे हैं वहीं दिव्यांग विद्यार्थी (Divyang student) भी अपने योगदान में पीछे नहीं है।
इसका ताज़ा उदाहरण है मूक बधिर बच्चों की कलात्मक सूझबूझ और उसकी परिणति है, उनकी कलम से रचे गए शानदार और प्रेरक चित्र।
अपनी तूलिका से अनुभूति को साकार रूप देने वाले ये दिव्यांग विद्यार्थी (Divyang student) हैं छत्तीसगढ़ के शासकीय दिव्यांग महाविद्यालय, रायपुर के मूक-बधिर छात्र।
श्रवण बाधित विद्यार्थियों (Divyang Students) ने ऑनलाइन क्लास में अपनी प्रतिभा का परिचय चित्रकारी (drawing) के जरिए दिया जिसमें उन्होंने कोरोनावायरस से बचाव के लिए सुरक्षा की दृष्टि से मास्क पहनने के लिए आम जन को प्रेरित किया है।
ऑनलाइन पढ़ाई के लिए शिक्षकों ने पाठ्यक्रम अनुसार विषयवार ऑडियो-वीडियो तैयार किया है। शिक्षकों द्वारा मूक-बधिर बच्चों को साइन लैग्वेज और दृष्टिबाधित बच्चों को रिकाॅर्डिंग के माध्यम से मार्गदर्शन दिया जा रहा है।
सुबह 10 बजे कक्षावार पढ़ाई शुरू की जाती है। शिक्षकों द्वारा रिकाॅर्डिंग भेज कर विद्यार्थियों को अभ्यास कराया जाता है,और मार्गदर्शन दिया जाता है। सुबह की कक्षाओं में मार्गदर्शन अनुसार शाम को बच्चों द्वारा दिए गए टास्क को पूरा कर दिखाया जाता है।
उन्होंने चित्रकारी (Drawing) के माध्यम से कोरोना संक्रमण की व्यापकता को दिखाते हुए मास्क (Mask) पहनकर सुरक्षित रहने का संदेश दिया है।
शासकीय दिव्यांग महाविद्यालय की प्राचार्य श्रीमती शिक्षा वर्मा ने बताया कि काॅलेज में वर्तमान में 38 दिव्यांग विद्यार्थी (Divyang student) पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें से 17 विद्यार्थी मूक-बधिर और 21 विद्यार्थी दृष्टिबाधित हैं।
महाविद्यालय में मूक बधिर बच्चों के लिए बी.एफ.ए.(बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स) और दृष्टिबाधित बच्चों के लिए बी.पी.ए..ए. (बैचलर आॅफ परफाॅर्मिंग आर्ट्स) की कक्षाएं चलाई जाती हैं।
यह चित्र बी.एफ.ए.(बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स) के दिव्यांग विद्यार्थी (Divyang student) बलराम सिंग, गौरव, हेम प्रकाश, बप्पा राय, लिंगेश्वर, सुश्री ओम श्रद्धा और सुश्री धनेश्वरी ने ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान तैयार किये हैं।
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