भारत और यूरोप को पूरे विश्व से यह आग्रह करना चाहिए कि वह अच्छे और बुरे आतंकियों के बीच अंतर न करे।
यह विचार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को एथेंस में ‘बदलते विश्व में भारत और यूरोप’ विषय पर राजनयिकों, नीति निर्माताओं और शिक्षाविदों को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।
राष्ट्रपति ने कहा कि कट्टरतावाद और आतंकवाद वैश्विक समस्याएं हैं। भारत के पश्चिम में और यूरोप के पूर्व में कुछ ऐसे क्षेत्र हैंए जो अस्थिरता और उग्रवाद से प्रभावित हैं। यह यूरोप और भारत दोनों के लिए ही चिंता का विषय है।
कोविंद ने कहा कि इसके साथ ही फाइनेंशिल एक्शन टास्क फोर्स तथा वैश्विक आतंक विरोधी फोरम जैसे बहुपक्षीय मंचों को मजबूत किया जाना चाहिए। भारत घरेलू अनुभव को साझा करना चाहता है, ताकि यह यूरोपीय संघ के लिए फायदेमंद साबित हो।
इस कार्यक्रम से पहले राष्ट्रपति ने एथेंस में भारत-यूनान व्यापार मंच को संबोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और यूनान का द्विपक्षीय व्यापार 530 मिलियन डॉलर है, जो अपनी क्षमता से बहुत कम है। यदि हम प्रयास करेंए तो अगले कुछ वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार एक बिलियन डॉलर से अधिक हो सकता है।
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