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खानेपीने की वस्तुओं की पैकिंग में अखबार के कागज का इस्तेमाल न करें

केन्द्र सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे खानेपीने की वस्तुओं की पैकिंग में अखबार के कागज का इस्तेमाल न करें। अखबार के कागज की स्याही स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदायक है।

भारत में खाद्य पैकेजिंग सामग्री के रूप में समाचार पत्रों के उपयोग पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने चिंता जाहिर करते हुए भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) को पहले निर्देश दिए थे कि वह खाने-पीने की चीजों को पैक करने के लिए अखबार के कागज का इस्तेमाल बंद करने के लिए एक एडवाइजरी जारी करे।

जे पी नड्डा ने कहा कि ऐसा देखा जा रहा है कि विक्रेता खाद्य सामग्री को पैक व परोसते के लिए अखबार के कागज का इस्तेमाल कर रहे हैं। मैं जनता से आग्रह करता हूं कि वह विक्रेताओं को खाने-पीने की चीजों को अखबार के कागज में पैक करने से रोकें और खुद भी इसका इस्तेमाल न करें।

जे पी नड्डा ने कहा, ”सर्वविदित है कि अखबार की स्याही को खाद्य पदार्थ सोख लेते हैं। अखबारों में इस्तेमाल होने वाली स्याही में कई खतरनाक रसायन होते हैं जिसके गंभीर स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्री महोदय ने आगे कहा कि छोटो कारोबारियों, खासतौर पर गैर-संगठित क्षेत्र में जागरुकता फैलाने की जरूरत है। अधिकारियों द्वारा इसकी व्यवस्थित निगरानी और निर्देशों को लागू कराने की जरूरत है।

एडवाइजरी के मुताबिक, सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य संरक्षा आयुक्त खाद्य सामग्री को पैक करने व उसे परोसने के लिए अखबारों का इस्तेमाल बंद करने को लेकर सभी संबंधित हितधारकों के बीच जागरुकता फैलाने के लिए एक व्यवस्थित अभियान शुरू करेंगे।