डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों को मरीजों और उनके परिजनों से सहानुभूति और करूणा के साथ बातचीत करनी चाहिए।
यह बात उपराष्ट्रपति एम. वेकैंया नायडु ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में किम्स.आइकॉन अस्पताल का उद्घाटन करने के पश्चात उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कही।
नायडु ने कहा कि इस तरह के व्यवहार से रोगियों को उपचार. के दौरान वे बेहतर महसूस होता हैं।
उपराष्ट्रपति नायडु ने कहा कि स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च को कम करने के उपाय पर भी विचार किए जाने की आवश्यकता है। चिकित्सा सुविधाएं और स्वास्थ्य देखभाल किफायती होनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि 434 बिस्तरों की क्षमता वाला यह अस्पताल विशाखापत्तनम शहर और इसके आस.पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करेगा।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें आम लोगों के लिए सस्ती चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए। अपने कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान चिकित्सकों को सेवा भाव का दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
नायडु ने कहा कि केवल दवाएं देने से ही चिकित्सकों का कार्य समाप्त नहीं हो जाता है, बल्कि उन्हें लोगों को रोगों की रोकथाम के सम्बन्ध में सलाह देनी चाहिए और मार्गदर्शन करना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि चिकित्सकों को शारीरिक गतिविधियों में सक्रियता से भाग लेने के लिए आम लोगों को टहलना, दौड़ना, योग अभ्यास और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
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