सतारा, 16 अगस्त | महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार को कहा कि संतोष गुलाबराव पोल नामक एक डॉक्टर ने जिन छह लोगों की क्रूरतापूर्वक हत्या करने की बात कबूल की है, उनमें से पांच के शव बरामद कर लिए गए हैं। सोलापुर क्षेत्र के आरक्षी महानिरीक्षक विश्वास नांग्रे पाटील और सतारा के पुलिस अधीक्षक संदीप पाटील ने कहा कि पोल के इस स्तब्ध कर देने वाले खुलासे के बाद पुलिस ने उसके पॉल्ट्री फार्महाउस परिसर में विभिन्न स्थानों से जमीन खोद कर पांच शवों के अवशेष बरामद किए।
पोल पर गत 16 जून को जब एक आंगनबाड़ी सेविका मंगला जेढ़े के अपहरण और हत्या का आरोप लगा तो उसने पूछताछ के दौरान मंगला सहित छह लोगों की हत्या करने की बात कबूल कर ली।
पोल दवाओं का ओवरडोज देकर हत्या करता था। इसी वजह से उसे ‘डॉ. डेथ’ का नाम दिया गया। उसने मंगला को एनिस्थीसिया का इतना डोज दिया कि उसकी मौत हो गई। उसने मंगला के शव को अपने फार्म हाउस में दफना दिया था।
पोल (41) की सहयोगी नर्स ज्योति मांड्रे (25) को भी गिरफ्तार किया गया है। दोनों को अदालत ने पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इस मामले से पूरा महाराष्ट्र स्तब्ध है।
यह पूछे जाने पर कि स्थानीय पुलिस यदि इसकी सूचना थी कि फार्म हाउस में कुछ संदिग्ध गतिविधियां चल रही हैं तो आरोपी जोड़े के खिलाफ कार्रवाई करने से क्यों डरती थी?
नांग्रे पाटील ने कहा कि पोल सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की पुलिस को सूचना देने का काम भी करता था। जब भी उसकी गतिविधियों की कोई जांच करने की कोशिश करता तो वह शीर्ष पुलिस अधिकारियों से संपर्क का रौब दिखा देता था।
मीडिया से बातचीत में पुलिस अधीक्षक पाटील ने कहा कि वनिता गायकवाड़ नाम की एक महिला के शव का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। उसके शव को कृष्णा नदी में फेंक दिया गया था।
डॉ. डेथ ने सुरेखा किशन चिकने (20 मई 2003), वनिता नरहरि गायकवाड़ (12 अगस्त 2006), जागाबाई लक्ष्मण पॉल (13 अगस्त 2010), नथमल धानाजी भंडारी (7 दिसंबर 2015) और एक शिकार बने उनमें एक अनाथ महिला सलमा शेख (17 जनवरी 2016) की हत्या करने की बात कबूल की है।
उसके शिकार लोगों में ज्यादातर वे थे, जो उसके साथ काम करते थे या मरीज के रूप में उसके संपर्क में आए थे।
वाई पुलिस की अपराध शाखा के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक पद्माकर घावट ने खुलासा किया कि जेधे के लापता होने के तत्काल बाद पोल ने 24 जून को एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उस पर फर्जी योजना की आड़ में धोखा देकर 200 ग्राम सोना लेकर भाग जाने का आरोप लगाया।
बाद में पूछताछ में पोल ने खुलासा किया कि उसने तीन माह पहले ही मंगला की हत्या की साजिश रची थी और उसे गाड़ने के लिए गड्ढा भी खोद रखा था। मंगला ने पोल की पोल खोलने की धमकी दी थी
उसने अपनी सहयोग ज्योति मांड्रे की भी हत्या की साजिश रच रखी थी। उसने एक शव जहां गाड़ा था, उस पर बादाम का वृक्ष भी लगा दिया था।
पाटील ने कहा, “हम लोग वाई एवं आसपास के इलाकों से वर्ष 2003 से लापता सभी लोगों के बारे में जांच करेंगे। इसके दायरे में वे अस्पताल होंगे जहां इसने काम किया है। इसके अन्य मरीजों एवं कर्मचारियों से बात की जाएगी। हर संभव नजरिए से जांच की जाएगी।”
पाटील ने कहा कि बरामद नरकंकालों के अवशेष को लापता लोगों से मिलान के लिए फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा।
पोल खुद को एक इलेक्ट्रो-होमियोपैथ कहता है। वह कुछ स्थानीय अस्पतालों एवं शहर से 13 किलोमीटर दूर अपने फार्म हाउस पर मरीज देखता था।
पोल के अपराधों का खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने 16 जून को 49 वर्षीय मंगला जेढ़े के संदिग्ध परिस्थितियों में लापता होने की जांच शुरू की। मंगला महाराष्ट्र पूर्व प्राथमिक शिक्षिका सेविका संघ (एमपीपीएसएसएस) की अध्यक्ष थीं।
एमपीपीएसएसएस की महासचिव शौकत पठान ने कहा कि मंगला वाई से पुणे अपनी बेटी के बच्चे की डिलेवरी कराने गई थीं लेकिन वह वहां कभी नहीं पहुंचीं।
जांच से पता चला है कि पुणे रवाना होने के पहले पोल के साथ उसकी लड़ाई हुई थी और उसने उसकी गतिविधियों का खुलासा करने की धमकी दी थी।
पोल ने वाई बस डीपो से मंगला का अपहरण करने और दूसरे दिन घातक दवा की अधिक मात्रा देकर हत्या करने की बात कबूल की है। -आईएएनएस
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