हस्तिनापुर, शिशुपालगढ़, पुराना किला और कालिबंगा की खुदाई कर नई खोज करने वाले भारत के महान् पुरातत्ववेत्ता (great archaeologist ) प्रो. बी बी लाल (Prof. B. B. Lal ) 02 मई, 2020 को सौ साल के हो गए।
केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल व्यक्तिगत रूप से प्रो. बी बी लाल (Prof. B. B. Lal ) से मिले और उनके जन्म दिन पर उन्हें बधाई दी।
पटेल ने महान् पुरातत्ववेत्ता प्रो. बी बी लाल (Prof. B. B. Lal ) के शताब्दी वर्ष के अवसर पर शनिवार को नई दिल्ली में ई-बुक ‘ प्रो. बी बी लाल-इंडिया रिडिस्कवर्ड‘ का विमोचन किया।
संस्कृति मंत्रालय में सचिव आनंद कुमार भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
प्रो. बी बी लाल (Prof. B. B. Lal ) का जन्म उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में बैडोरा गांव में 02 मई, 1921 को हुआ।
यह पुस्तक एक शताब्दी विशेष संस्करण हैं जिसे संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रो. बी बी लाल शताब्दी समारोह समिति द्वारा तैयार किया गया है।
यह पुस्तक संस्कृति मंत्रालय की पुरातत्व के क्षेत्र में उनके बेशुमार योगदान को संस्कृति मंत्रालय की ओर से सम्मान है।
इस अवसर पर पटेल ने कहा कि प्रो. बी बी लाल (Prof. B. B. Lal ) एक जीवित किवदंती हैं और भारत उनके जैसे व्यक्तित्व को पाकर भाग्यशाली है।
उन्होंने कहा कि प्रो. लाल पुरातत्व विज्ञान के वह बहुमूल्य रत्न हैं जिन्होंने औपनिवेशिक अतीत के नीचे गड़े सभ्यतागत भारत की फिर से खोज की।
उन्होंने यह भी कहा कि यह बेहद प्रसन्नता की बात है कि संस्कृति मंत्रालय इस महान पुरातत्ववेत्ता के जन्म का शताब्दी वर्ष मना रहा है जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन मातृभूमि की सेवा में समर्पित कर दिया।
पटेल ने कहा कि प्रो. लाल न केवल पुरातत्ववेत्ताओं के लिए बल्कि भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए प्रेरणा के शाश्वत स्रोत हैं।
प्रो. बी बी लाल (Prof. B. B. Lal ) को वर्ष 2020 में पद्म भूषण प्रदान किया गया था।
वह 1968 से 1972 तक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के महानिदेशक थे और उन्होंने भारतीय उन्नत अध्ययन संस्थान, शिमला के निदेशक के रूप में सेवा की है।
प्रो. बी बी लाल (Prof. B. B. Lal ) ने यूनेस्को की विभिन्न समितियों में भी काम किया है।
पांच दशकों तक फैले अपने कैरियर में प्रो. लाल ने पुरातत्व विज्ञान के क्षेत्र में बेशुमार योगदान दिया।
प्रो. बी बी लाल (Prof. B. B. Lal ) को 1944 में आज़ादी से पहले तक्षशिला में सर मोर्टिमर व्हीलर द्वारा प्रशिक्षित किया गया था और बाद में वह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण में नियुक्त किये गए।
तक्षशिला भारतीय उपमहाद्वीप में एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है।
भारत विभाजन के बाद भारतीय संस्कृति और सभ्यता के शिक्षण-प्रशिक्षण का यह महत्वपूर्ण केन्द्र अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में है। यह इस्लामाबाद और रावलपिंडी से लगभग 32 किमी उत्तर.पश्चिम में स्थित है।
प्रो. बी बी लाल (Prof. B. B. Lal ) ने हस्तिनापुर (उप्र), शिशुपालगढ़ (ओडिशा), पुराना किला (दिल्ली), कालिबंगा (राजस्थान) सहित कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों की खुदाई की थी और उनके बारे में देश और दुनिया को महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिलीं।
1975-76 के बाद से, प्रो. लाल ने रामायण के पुरातात्विक स्थलों के तहत अयोध्या, भारद्वाज आश्रम, श्रंगवेरपुरा, नंदीग्राम एवं चित्रकूट जैसे स्थलों की जांच की।
प्रो. लाल ने 20 पुस्तकें और विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय जर्नलों में 150 से अधिक शोध लेख लिखे हैं।
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