हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने रविवार को सोलन जिला के प्रसिद्ध ठोडो मैदान में नशा निवारण रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार नशे के दुष्प्रभावों के बारे युवाओं को सचेत करने के लिए इसे स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करेगी, ताकि युवा पीढ़ी को इस बुराई से बचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि सभी युवाओं को मादक पदार्थों के प्रयोग से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जाएगा, तभी सही अर्थों में हिमाचल प्रदेश देवभूमि कहलाएगा।
ठाकुर ने कहा कि नशे की आदत विशेषकर युवाओं में चिन्ताजनक है। हिमाचल प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस सामाजिक बुराई पर अंकुश लगाने के लिए पड़ोसी राज्यों से नशे की तस्करी पर नज़र रखने के निर्देश दिए हैं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि उनकी पहल पर हाल ही में उत्तरी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की एक बैठक चण्डीगढ़ में आयोजित की गई जिसमें इस बुराई पर अंकुश लगाने के लिए रणनीति तैयार की गई।
ठाकुर ने कहा कि बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी चारों राज्य इस बुराई को समाज से दूर करने के लिए संयुक्त अभियान आरम्भ करेंगे।
उन्होंने कहा कि ड्रग्स तस्करों को पकड़ने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में संयुक्त अभियान आरम्भ करने के भी प्रयास किए जाएंगे। प्रदेश सरकार ने मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े लोगों को दण्डित करने के लिए कठोर कानून बनाए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बुराई को रोकने के लिए अध्यापकों तथा अभिभावकों की भी अहम भूमिका है। अभिभावकों को उनके बच्चों के व्यवहार में आए बदलाव पर भी नजर रखनी होगी।
ठाकुर ने कहा कि कई बार अभिभावक अपने बच्चों में नशे के लक्षणों की अनदेखी करते हैंए जो बाद में गम्भीर रूप धारण कर लेताहै। सिन्थेटिक मादक द्रव्यों का उपयोग और भी खतरनाक है तथा इसके लिए सचेत होने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि नशे की इस बुराई के विरूद्ध जन अभियान चलाने की आवश्यकता है तभी हमारे देश का भविष्य सुरक्षित रह सकेगा।
जय राम ठाकुर ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्तता को गैर जमानती अपराध की श्रेणी में लाने के प्रयास किए जाएंगे।
विभिन्न शिक्षण संस्थानों के सैंकड़ों विद्यार्थियोंए युवाओं व आम लोगों ने नशा निवारण रैली में भाग लिया।
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