Election Commission expressed displeasure over the violence in Andhra Pradesh

आंध्र प्रदेश में हुई हिंसा पर चुनाव आयोग ने नाराजगी व्यक्त की

नई दिल्ली, 17 मई। चुनाव आयोग ने आंध्र प्रदेश में चुनाव के बाद हुई हिंसा पर अपनी नाराजगी व्यक्त की।

निर्वाचन सदन में आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ गुरुवार को हुई बैठक में मुख्या चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार एवं सुखबीर सिंह संधू के नेतृत्व में आयोग ने आंध्र प्रदेश में चुनाव के बाद हुई हिंसा पर अपनी नाराजगी व्यक्त की।

आयोग ने स्पष्ट रूप से मुख्य सचिव और डीजीपी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ऐसी हिंसा दोबारा न हो और साथ ही, सभी एसपी को भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए एहतियाती कदम उठाने का काम सौंपने के लिए भी कहा गया।

आयोग ने अपने स्तर पर मामलों की समीक्षा की और सीएस एवं डीजीपी को सख्ती से निगरानी करने के निर्देश दिए, ताकि दोषियों के खिलाफ कानून के अनुसार, आदर्श आचार संहिता की अवधि के भीतर समय पर आरोप पत्र दायर करके उचित फैसला सुनिश्चित किया जा सके।

बैठक के दौरान, मुख्य सचिव और डीजीपी ने हिंसा प्रभावित जिलों में अधिकारियों की ओर से लापरवाही व पर्यवेक्षण कमी के बारे में अपना आकलन साझा किया। आयोग ने राज्य सरकार के निम्नलिखित प्रस्तावों को मंजूरी दी:

  1. पालनाडु के जिलाधिकारी का स्थानांतरण और विभागीय जांच शुरू करना।

  2. एसपी, जिला पालनाडु और एसपी, जिला अनंतपुरमू का निलंबन और विभागीय जांच शुरू की गई।

  3. एसपी, तिरुपति का स्थानांतरण और विभागीय जांच शुरू करना।

  4. इन तीन जिलों (पलनाडु, अनाथापुरम और तिरुपति) में 12 अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया गया और विभागीय जांच शुरू की गई।

  5. विशेष जांच दल को मामले की जांच करनी है और प्रत्येक मामले में दो दिनों के भीतर कार्रवाई से जुड़ी रिपोर्ट आयोग को सौंपनी है। एफआईआर में अतिरिक्त उपयुक्त आईपीसी धाराओं और अन्य प्रासंगिक वैधानिक प्रावधानों के साथ बदलाव किया जाएगा।

  6. राज्य ने नतीजों की घोषणा के बाद किसी भी संभावित हिंसा को नियंत्रित करने के लिए मतगणना के बाद 15 दिनों के लिए 25 सीएपीएफ कंपनियों को बनाए रखने का अनुरोध किया है।

आयोग ने चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद किसी भी हिंसा को नियंत्रित करने के लिए गृह मंत्रालय को मतगणना के बाद 15 दिनों के लिए आंध्र प्रदेश में 25 सीएपीएफ कंपनियों को बनाए रखने का निर्देश देने का निर्णय लिया है।

उल्लेखनीय है कि ईसीआई ने चुनाव के बाद हिंसा को रोकने में प्रशासन की विफलता के कारणों को व्यक्तिगत रूप से बताने के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी को नई दिल्ली तलब किया था।

मतदान के दिन और मतदान के दिन के बाद अनंतपुरमू, पलनाडु और तिरुपति जिलों में हिंसा की कई घटनाएं दर्ज की गईं। मतदान से पहले हमला, विरोधी पार्टी की संपत्ति/ कार्यालय को आग लगाना, धमकी देना, प्रचार वाहनों को नुकसान पहुंचाना, पथराव आदि घटनाएं दर्ज की गई थीं। इनमें से अधिकतर घटनाएं अन्नामैया, चित्तूर और पालनाडु जिलों में हुईं और कुछ घटनाएं गुंटूर, अनंतपुर व नंदयाल आदि शहरों में हुईं।