सभी राजनीतिक दल सर्वसम्मति कायम करके महिला आरक्षण विधेयक का पारित होना सुनिश्चित करें, ताकि महिलाओं को संसद और राज्य विधानसभाओं में आरक्षण मिल सके।
यह अपील उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने की है और उन्होंने कहा कि पंचायतों और नगर.पालिकाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण सफल साबित हुआ है।
उपराष्ट्रपति सोमवार को नई दिल्ली में वूमैन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया अवॉर्ड्स 2018 वितरित करने के बाद नीति आयोग,डब्ल्यूईपी तथा भारत में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय द्वारा आयोजित महिला उद्यमियता मंच सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत, भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजीडेंट कोऑर्डिनैटर, यूरी अफनासिएव, टेनिस खिलाड़ी सुश्री सानिया मिर्जा और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस समय भारत के सकल घरेलू उत्पाद-जीडीपी में महिलाओं का योगदान 17 प्रतिशत है, जो वैश्विक औसत 37 प्रतिशत से काफी कम है।
नायडू ने कहा कि भारत में केवल 27 प्रतिशत महिलाएं लाभप्रद रोजगार में हैं।
उन्होंने कहा, ‘यह संख्या देश में कानून निर्माताओं के सामने चुनौती प्रस्तुत करती है और यहीं डब्ल्यूईपी के जरिये महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए नीति आयोग द्वारा किये जा रहे प्रयास विशेष रूप से सराहनीय हो जाते हैं।’
उन्होंने कहा कि अगर किसी भी देश की आधी आबादी को उसकी प्रगति में समान भागीदार बनने के लिए प्रोत्साहित न किया जाए, तो वह कभी तरक्की नहीं कर सकता।
नायडू ने कहा कि अच्छी खबर यह है कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में महिला उद्यमियता के क्षेत्र में काफी प्रगति की है।
उन्होंने कहा कि देशभर में 80 लाख से ज्यादा महिलाओं ने या तो अपना कारोबार शुरू किया है या वे अपना कारोबार चला रही हैं।
उन्होंने कहा कि अपना उद्यम शुरू करने वाली 58 प्रतिशत से ज्यादा महिलाओं की आयु 20 से 30 साल के बीच हैं और इस सिलसिले को जारी रखने का दायित्व डब्ल्यूईपी और स्टार्टअप इंडिया पर है।
नायडू ने कहा कि महिलाओं के साथ हर तरह का भेदभाव समाप्त होना चाहिए, भले ही यह भेदभाव वेतन के संबंध में हो या करियर में तरक्की के सीमित अवसरों के संबंध में हो।
उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र समान रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर इस भेदभाव समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और अब इस रवैये में बदलाव लाने की घड़ी आ गई है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम महिलाओं और पुरूषों में समानता लाने पर ध्यान केन्द्रित किया जाए।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को समान अवसर मिलने चाहिए।
उन्होंने कहा कि 5 ‘ई’:अच्छी शिक्षा, सभी क्षेत्रों में समान अवसर, कौशल के माध्यम से सशक्तिकरण, भेदभाव और शोषण से मुक्ति तथा सम्पत्ति में समान अधिकार सहित आर्थिक उत्थान के अनुकूल परिस्थितियां तैयार करना – को महत्व दिया जाना चाहिए।
नायडू ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि झारखंड सरकार ने पिछले साल भर में 55,000 महिला मिस्त्रियों को प्रशिक्षित किया है, जिन्हें रानी मिस्त्री कहा जाता हैं।
इन रानी मिस्त्रियों ने राज्य को खुले में शौच से मुक्त होने का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं और स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत 15 लाख से ज्यादा शौचालयों के निर्माण में सहायता की हैं।
उपराष्ट्रपति ने देश के विभिन्न हिस्सों में विविध क्षेत्रों में उत्कृष्ट भूमिका निभाने वाली की 13 महिलाओं कोवूमैन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया अवॉर्ड्स 2018 से सम्मानित किया।
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