नई दिल्ली, 4 नवंबर | वायु प्रदूषण के तात्कालिक और दीर्घकालिक समाधान को लेकर शुक्रवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे के साथ शुक्रवार को पांच राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की बैठक होनी है। यह बैठक दिल्ली में वायु की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंचने की वजह से बुलाई गई है। बीते 17 सालों में बुधवार और गुरुवार को धुंध की स्थिति सबसे खराब रही।
दवे ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा, “केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) शुक्रवार को पांच पड़ोसी राज्यों के सचिवों के साथ बैठक करेगा। बाद में मैं संबंधित राज्यों के मंत्रियों से मिलूंगा।”
सचिव स्तर की बैठक के बाद मंत्रालय यहां पांच राज्यों- पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली- के लिए एक परामर्श भी जारी करेगा।
दवे ने ट्वीट किया, “एमओईएफसीसी वायु प्रदूषण से निपटने के लिए जल्द ही एक परामर्श संबंधित राज्यों के लिए जारी करेगा।”
मंत्री की यह बैठक पर्यावरण सचिव ए.एन. झा के पांच राज्यों के सचिवों के मुलाकात के बाद होगी।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब होने की वजह से विशेषज्ञों ने केंद्र से दूसरे राज्य सरकारों के साथ मिलकर मामले के निपटारे के लिए हस्तक्षेप का आग्रह किया है।
श्वसन तथा हृदय रोग से पीड़ित लोगों को घरों में ही रहने और बहुत आवश्यकता होने पर ही बाहर निकलने की सलाह दी गई है। उन्हें सुबह में कुछ दिन बाहर व्यायाम करने से बचने की सलाह भी दी गई है। कुछ पर्यावरण जानकारों ने अस्थायी तौर पर स्कूलों को बंद करने का सुझाव दिया है।
राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के कारणों में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में धान के पुआल को जलाना, हवा का कम होना, दिवाली में हुई आतिशबाजी भी शामिल है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार दिवाली के दो दिन बाद बुधवार को पीएम2.5 (पर्टिकुलेट मैटर) का स्तर 62.7 प्रतिशत अधिक दर्ज किया गया था। बुधवार को इसका स्तर मानक से 9.4 गुना ज्यादा था। –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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