गंगा की सफाई के लिए 109 दिनों तक उपवास के बाद पर्यावरणविद् प्रो. जीडी अग्रवाल ने देह त्याग दी।
उत्तराखंड में एम्स ऋषिकेश में दिल का दौरा पड़ने के बाद गुरुवार को पर्यावरणविद् जीडी अग्रवाल का देहांत हो गया।
सरकार से गंगा नदी को साफ करने एवं उसमें जल के प्रवाह की निरंतरता बनाये रखने की मांग को लेकर वह 22 जून से हरिद्वार में अनिश्चितकालीन उपवास पर थे।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जीडी अग्रवाल के निधन पर दुःख व्यक्त किया है। एक ट्वीट में मोदी ने कहा गंगा सफाई की दिशा में उनका जुनून हमेशा याद किया जाएगा।
प्रो. जीडी अग्रवाल स्वामी ज्ञान स्वरुप सानंद के नाम से भी जाने जाते थे। उन्होंने गंगा को बचाने के लिए 109 दिनों तक उपवास किया। उन्हें जबरन उत्तराखंड पुलिस ने उपवास से उठाया और बुधवार को एम्स में भर्ती कराया था।
टीवी फोटो : उत्तराखंड पुलिस ने बुधवार को उपवास पर बैठे प्रो. अग्रवाल को जबरन उठाकर एम्स में भर्ती कराया
अग्रवाल ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर में प्रोफेसर के रूप में कार्य किया था। उन्होंने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सदस्य सचिव के रूप में भी काम किया था।
वकील और कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने ट्विटर पर लिखा यह दुनिया शुद्ध आत्माओं के लिए नहीं है।
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