रांची, 06 मार्च (जनसमा)। “झारखंड की समस्त जनता के सहयोग से समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों के कल्याण के लिये सरकार ने दृढ इच्छाशक्ति दिखाते हुए मुआवजा के आधार पर भूमि हस्तांतरण के प्रावधान को समाप्त किया। रैयत अपनी जमीन का कृषि कार्य के अलावा अन्य उपयोग भी कर सके, इसके लिये सी.एन.टी./एस.पी.टी. के प्रावधानों का सरलीकरण भी किया गया। विकास की दौड़ में सबको समान अवसर मिले इसके लिये सरकार सतत प्रयत्नशील है। उक्त बातें झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने चंद्रवंशी सम्मेलन के अवसर पर कही।
दास ने कहा कि आदिवासी, गरीब एवं पिछड़े बच्चों की पढाई बाधित न हो इसके लिए अलग से पचास करोड़ रुपये का कोष स्थापित किया गया है। साथ ही गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा ग्रहण करने में गरीब बच्चों को कठिनाई न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के अंतर्गत दस करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा समाज प्राचीन काल से ही समरस समाज रहा है। आक्रमणकारियों द्वारा समरस समाज में विभेद पैदा करने एवं राष्ट्रीयता की भावना को छिन्न भिन्न करने की कोशिश की गयी। आज भी कुछ शक्तियां समाज एवं राष्ट्र को तोड़ने में लगी हैं। लेकिन हम भगवान बिरसा मुंडा, शहीद सिदो कान्हू एवं अन्य महान स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दिखाये गये मार्गों पर चलते हुए समाज के अंतिम व्यक्ति, शोषितों, एवं पीडि़तों को साथ लेकर झारखण्ड को नई उँचाई पर ले जाएंगे। जनता जनार्दन की सेवा करेंगे। देश का सर्वाधिक विकसित प्रदेश बनाएंगें । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी सभी के सहयोग से स्वतंत्रता आंदोलन को जनआंदोलन का रुप दिया था। महात्मा गांधी का समरस-समभाव समाज स्थापित करने का सपना था। हम उनके सपनों को साकार करने के लिये सेवक की तरह कार्य करेंगे।
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