भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) विशेष रूप से छोटे उपग्रह प्रक्षेपण वाहनों को लॉन्च करने के लिए तमिलनाडु के तुतुकुडी जिले में (Thoothukodi district ) एक दूसरा उपग्रह प्रक्षेपण केन्द्र (launch port) स्थापित करेगा।
बेंगलुरू में 1 जनवरी,2020 को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए इसरो के अध्यक्ष के सिवन (K. Sivan) ने बताया कि यह 2300 एकड़ में बनाया जाएगा।
अमरीका द्वारा विकसित जीपीएस नेवीगेशन (GPS Navigation) प्रणाली की तर्ज पर भारतीय नेवीगेशन प्रणाली–नेविक भी चालू की जायेगी, जिसमें स्वदेशी परमाणु घड़ी लगी रहेगी।
मोबाइल फोन बनाने वाली कई कंपनियां इस तरह की क्षेत्रीय नेवीगेशन प्रणाली की स्थापना में सहायता के लिए आगे आई हैं।
भारतीय अंतरक्षि अनुसंधान संगठन (ISRO) के भावी कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए इसरो अध्यक्ष के सिवन (K Sivan) ने कहा कि सरकार ने चन्द्रमा पर भेजे जाने वाले चंद्रयान-3 अभियान को भी मंजूरी दे दी है। इसमें रोवर और लैंडर प्रणालियां लगी रहेंगी।
गगनयान में भारत के पहले मानवयुक्त मिशन की प्रगति पर, उन्होंने कहा, अंतरिक्ष यात्री चयन की प्रक्रिया समाप्त हो गई है और भारतीय वायु सेना से चुने गए चार पुरुष प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए जनवरी के तीसरे सप्ताह में रूस के लिए रवाना होंगे।
गगनयान को 2022 में प्रक्षेपित करने का कार्यक्रम है।
उससे पहले चालक दल वाले मॉड्यूल के परीक्षण के लिए एक मानवरहित अभियान अंतरिक्ष में भेजा जायेगा जिसमें मनुष्यों की जगह उन्ही की तरह के रोबोट मौजूद रहेंगे।
इस मानवरहित अंतरिक्ष अभियान में उपग्रह को वापस लाने की टेक्नोलॉजी और अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले मॉड्यूल पर माइक्रो ग्रेविटी यानी सूक्ष्म-गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव का परीक्षण भी किया जायेगा।
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