भारत में छह अमेरिकी परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जाएगी।
यह निर्णय एक उच्च स्तरीय भारत-अमेरिका सामरिक सुरक्षा वार्ता में लिया गया।
वार्ता में दोनों देशों ने यह निश्चय दोहराया कि द्विपक्षीय सुरक्षा और असैन्य परमाणु सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
वार्ता में संयुक्त राज्य अमेरिका ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की प्रारंभिक सदस्यता के अपने मजबूत समर्थन की पुष्टि की।
भारत-अमेरिका सामरिक सुरक्षा वार्ता का 9 वां दौर 13 मार्च, 2019 को वाशिंगटन डीसी में आयोजित किया गया।
एंड्रिया थॉम्पसन ने भारत में छह अमेरिकी परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना सहित द्विपक्षीय सुरक्षा और असैन्य परमाणु सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता जताई।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश सचिव विजय गोखले ने किया जबकि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अंडर सेक्रेटरी ऑफ आर्म्स राज्य मंत्री एंड्रिया थॉम्पसन ने किया था।
दोनों देशों ने विनाश के हथियारों पर नियंत्रण और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा, दोनों पक्षों ने वैश्विक सुरक्षा और अप्रसार चुनौतियों की एक विस्तृत श्रृंखला पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
वार्ता में भारत और अमरीका ने सामूहिक विनाश के हथियारों और उनके वितरण के प्रसार को रोकने और आतंकवादियों और निजी हाथों में पहुंचने से रोकने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
‘अंतरिक्ष संवाद’ के तीसरे दौर की बैठक
इससे पहले 12 मार्च, 2019 को भारत के विदेश मंत्रालय में निरस्त्रीकरण और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के अतिरिक्त सचिव इंद्र मणि पांडे और शस्त्र नियंत्रण, सत्यापन और अनुपालन के अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डॉ. यलीम डीएस पोबले ने भारत-अमेरिका के बीच ‘अंतरिक्ष संवाद’ के तीसरे दौर की बैठक की सह-अध्यक्षता की।
इस संवाद कार्यक्रम में उन्होंने अंतरिक्ष खतरों के रुझानों पर चर्चा की। इसके अलावा संबंधित राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्राथमिकताएं, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों में सहयोग के अवसर पर भी वार्ता की गई।
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