पश्चिम यूरोप की सुपरमार्केट चेन खाद्य एवं पेय पदार्थ भारत से खरीदेंगी। यह जानकारी सोमवार को एक सरकारी विज्ञप्ति में दी गई है।
यूरोप की सुपरमार्केट चेन और प्रसंस्कृत (प्रोसेस्ड) खाद्य पदार्थों की शीर्ष निर्माता कंपनियां ‘इंडसफूड-II’ में अपनी खाद्य एवं पेय पदार्थ (एफएंडबी) संबंधी आवश्यकताएं भारत से पूरी करेंगी।
इंडसफूड-II’ में लगभग 50 देशों के 600 से भी अधिक वैश्विक खरीदारों के भाग लेने की आशा है।
वैश्विक खरीदारों के लिए इंडसफूड खाद्य और कृषि उत्पादों का भारत का आधिकारिक सालाना व्यापार मेला है।
इसका दूसरा संस्करण 14-15 जनवरी, 2019 को ग्रेटर नोएडा (एनसीआर-दिल्ली) में आयोजित किया जाएगा।
निर्यात केन्द्रित वार्षिक व्यापार मेले ‘इंडसफूड-II’ का आयोजन भारतीय व्यापार संवर्धन परिषद (टीपीसीआई) द्वारा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के सहयोग से किया जाएगा।
द्विपक्षीय सहयोग के साथ-साथ भारत एवं स्पेन के डेयरी सेक्टर के संवर्धन के लिए टीपीसीआई और एफआईएबी (स्पेन खाद्य एवं पेय पदार्थ प्रौद्योगिकी संघ) की अंतर्राष्ट्रीय निदेशक सुश्री मारिया कैरिलो के साथ इस बारे में चर्चाएं की गईं।
सुश्री मारिया ने भारत से कच्चे खाद्य पदार्थ संबंधी अपनी आवश्यकताएं पूरी करने के लिए ‘इंडसफूड-II’ के दौरान अपना एक प्रतिनिधिमंडल भारत भेजने में काफी रुचि दिखाई।
स्पेन के उत्तरी क्षेत्रों में दूध अहम भूमिका निभाता है, क्योंकि यह मुख्य कृषि उपज है। डेयरी उद्योग स्पेन के खाद्य एवं पेय पदार्थ क्षेत्र के सकल मूल्यवर्द्धन में 9 प्रतिशत का योगदान करता है।
इस दौरान भारत के सर्वोत्तम खाद्य एवं पेय पदार्थों और कृषि उत्पादों से वैश्विक खरीदारों को रू-ब-रू कराया जाएगा।
इनमें से ज्यादातर वैश्विक खरीदारों ने ‘इंडसफूड-II’ में शिरकत करने की अपनी प्रतिबद्धता पहले ही जता दी है।
ये वैश्विक खरीदार बी2बी (कारोबारियों के बीच) बैठकें करने के साथ-साथ भारत के खाद्य पदार्थ आपूर्तिकर्ताओं के साथ कारोबारी गठबंधन करने की तैयारी में भी जुट गये हैं।
इससे विभिन्न ब्रांडों और निजी लेबल वाले उत्पादों के साथ-साथ उन कच्चे माल की व्यापक खरीदारी में भी रुचि बढ़ेगी, जिनकी पेशकश भारत पूरी दुनिया को कर सकता है।
‘इंडसफूड-2019’ में ऐसे अनेक विदेशी सरकारी प्रतिनिधिमंडल और बड़ी विदेशी कंपनियों के वे प्रतिनिधि भाग लेंगे, जो अपने देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने अथवा अपने बड़े खा़द्य प्रसंस्करण उद्योगों को आपूर्ति के लिए निवेश या दीर्घकालिक खरीद समझौतों के जरिये खाद्य पदार्थों की रणनीतिक खरीदारी करते रहे हैं।
‘इंडसफूड-I’ वर्ष 2018 के आरंभ में आयोजित किया गया था और उसे शानदार सफलता मिली थी।
‘इंडसफूड-I’ में 43 देशों के अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों के साथ-साथ खाद्य एवं पेय पदार्थ उद्योग की 12 श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले 320 भारतीय निर्यातकों ने भाग लिया था।
‘इंडसफूड-I’ में 650 मिलियन डॉलर का व्यवसाय होने का अनुमान है।‘
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