पूर्व-सैनिकों (Ex-servicemen) की पेंशन (pension) संबंधी शिकायतों को व्यावहारिक तरीके से हल किया जाना चाहिए ताकि सैनिकों का मनोबल ऊँचा बना रहे।
देशभर में 31 लाख से अधिक पेंशनर विभिन्न पेंशन वितरण एजेंसियों के माध्यम से पेंशन ले रहे हैं और हर साल लगभग 85 हजार पेंशनर और जुड़ रहे हैं।
वर्ष 2019-2020 के लिए रक्षा पेंशन(Defence pension) बजट 1,12,079.57 करोड़ रुपये है, जो भारत सरकार के कुल पेंशन बजट का 60 प्रतिशत है।
हिमाचल प्रदेश(Himachal Pradesh) में पूर्व सैनिकों (Ex-servicemen) की आबादी लगभग 1,47,963 है।
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) ने यह बातें 23 अगस्त, 2019 सिरमौर जिला के पावंटा साहिब में आयोजित 170वीं रक्षा पेंशन अदालत के मौके पर कही।
उन्होंने कहा कि रक्षा पेंशन अदालत पूर्व-सैनिकों (Ex-servicemen) तक पहुंचने के लिए एक अच्छा प्रयास है, जिसका उद्देश्य विशेष रूप से उनकी पेंशन संबंधी शिकायतों का घर के नजदीक समाधान करना है।
राज्यपाल ने कहा कि देश अपने सभी बहादुर सैनिकों को हमेशा याद रखेगा, जिन्होंने मातृ भूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। देश उन
वीर नारियों और परिवारों का भी ऋणी है, जिन्होंने देश के लिए अपनों को खोया है।
राज्य सरकार पूर्व-सैनिकों (Ex-servicemen)और उनके परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
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