प्रथम चीन इंटरनेशनल इम्पोर्ट एक्सपो (सीआईआईई) शंघाई में भारत ने कंट्री पवेलियन यानि भारतीय मंडप स्थापित कर भारतीय उत्पादों को बेहतरीन ढंग से प्रदर्शित किया है।
वाणिज्य सचिव डॉ. अनूप वधावन ने सोमवार को भारतीय मंडप का उद्घाटन किया।
वह 6 नवम्बर को चीन के वाणिज्य उप-मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। डॉ. वधावन चीनी के प्रमुख आयातकों के साथ भी बैठकें करेंगे।
भारतीय मंडप का उद्घाटन चीन के शंघाई स्थित राष्ट्रीय प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केन्द्र में किया गया।
इसका उद्देश्य विश्व और खासकर चीन के बाजार में भारतीय उत्पादों के बारे में विस्तार से जानकारी मिले और उनकी पहुंच को सुगमता से बढ़ाया जा सके।
Photo courtesy YouTube : 1st China International Import Expo,Shanghai
भारतीय मंडप में खाद्य एवं कृषि उत्पादों, फार्मास्यूटिकल्स, आईटी एवं संबद्ध सेवाओं (आईटीईएस), पर्यटन और सेवा सेक्टर पर फोकस किया गया है।
चीन के बाजार में उपरोक्त क्षेत्रों की पहुंच को और ज्यादा बढ़ाने की व्यापक संभावनाएं हैं। ये चार क्षेत्र भारत की क्षमता एवं समग्र वैश्विक मौजूदगी के विपरीत चीन में भारत की मौजूदगी अत्यंत मामूली हैं।
भारतीय मंडप में पर्यटन मंत्रालय, एपीडा, नैफेड, एमपीईडीए, फार्मेक्सिल और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सॉफ्टवेयर निर्यात संवर्धन परिषद जैसी एजेंसियां भारतीय मण्डप में परामर्श दे रही हैं।
इन एजेंसियाें को शंघाई स्थित भारत के महावाणिज्य दूत ने स्थानीय स्तर पर समस्त सहयोग प्रदान किया है।
मार्च, 2018 में दिल्ली में आयोजित संयुक्त आर्थिक समूह की बैठक के दौरान चीन के वाणिज्य मंत्री झोंग शैन ने इस आयोजन में भागीदारी के लिए आमंत्रण दिया था।
वाणिज्य मंत्रालय ने बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास के परामर्श से उन क्षेत्रों को दर्शाने का निर्णय लिया था, जिनमें भारत क्षमता का प्रदर्शन बेहतरीन ढंग से करे।
चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है। निकट भविष्य में भारत-चीन के बीच कुल व्यापार बढकर 100 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच जाने की संभावना है।
चीन के साथ व्यापार में कायम व्यापक असंतुलन पर भारत द्वारा जताई गई चिंता दूर करने का संकल्प दोनों ही देशों ने व्यक्त किया है।
भारत सरकार चीन को अपना निर्यात बढ़ाने के लिए निरंतर अथक प्रयास कर रही है। सरकारी स्तर पर विभिन्न द्विपक्षीय बैठकों और चीन के साथ भारत के कारोबारियों की निरंतर सहभागिता से ही यह संभव हो पाया है।
हाल ही में बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास और शंघाई एवं ग्वांगझोऊ स्थित वाणिज्य दूतावासों ने अनेक व्यवसाय संवर्धन एवं क्रेता-विक्रेता बैठकें आयोजित की थीं।
इस दौरान विभिन्न उत्पादों जैसे कि चीनी, चाय, चावल, खली और फार्मास्यूटिकल्स को कवर किया गया। इन बैठकों में चीन के आयातकों की भागीदारी अत्यंत उत्साहवर्धक रही।
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