चंडीगढ़, 30 मार्च। हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री ओ.पी.धनखड़ ने कहा प्रदेश में गावों के विकास के लिए आगामी वित्त वर्ष में कुल 3120 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे जोकि चालू वित्तीय वर्ष में खर्च की गई राशि की तुलना में 56 प्रतिशत अधिक हैं। इसके अलावा नाबार्ड की मदद से प्रदेश के विकास पर अगले तीन वर्ष में 5000 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे, इसमें से 1200 करोड़ रुपये प्रथम चरण में 600 गाँवो पर खर्च किये जायेंगे।
धनखड़ ने गुरूवार को यहां उनसे भेंट करने आए जिला परिषदों व ब्लॉक समितियों के सदस्य के साथ बातचीत करते हुए यह जानकारी दी। पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने के संकल्प को दोहराते हुए धनखड़ ने कहा कि अब पंचायतों द्वारा विकास कार्यों के लिए खर्च की जाने वाली राशि की सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करना इसी का हिस्सा है।
मंत्री ने कहा कि सरकार लोकतंत्र को मजबूत करने में विश्वास रखती है, इसलिए पंचायतों, जिला परिषदों और ब्लाक समितियों के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाया जा रहा है। इससे पंचायतें शिक्षित से सक्षम और समर्थ होंगी। वर्तमान राज्य सरकार के बनने के बाद ग्रामीण विकास पर विशेष ध्यान दिया गया। प्रदेश में शिक्षित पंचायतों को बनाने के सपने को साकार करने के लिए भले ही कोर्ट तक चक्कर लगाने पड़े हों, मगर जीत सरकार की हुई। पंचायतें बनने के बाद सरकार ने इनके मानदेय में वृद्धि की। वर्ष 2016 में पंचायत चुनावों के उपरांत शपथ समारोह आयोजित हुए और उसके बाद पंचायतों ने काम आरंभ किया।
उन्होंने कहा कि पंच-सरपंच, जिला परिषदों के सदस्य, ब्लॉक समितियों के सदस्यों सहित सभी जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया गया। जनप्रतिनिधियों को अधिक अधिकार मिलें, इसके लिए भी सरकार ने खुले मन से काम किया। जिला परिषदों व ब्लॉक समितियों के लिए बाकायदा विकास कराने के लिए अलग से धन देने की व्यवस्था की गई। प्रदेश के विकास के लिए आमतौर पर दो हजार करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान रहता है।
(फाइल फोटो)
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