नई दिल्ली, 6 मार्च| दर्शकों के बीच टीवी शो ‘बा बहू बेबी’ के किरदार गट्टू के नाम से लोकप्रिय देवेन भोजानी अपनी हास्य कलाकार की छवि से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं। वह पर्दे पर जितना गुदगुदाते हैं, असल जीवन में उतने ही गंभीर प्रवृत्ति के हैं।
‘कमांडो-2’ से निर्देशन की कमान संभाल चुके देवेन टाइपकास्ट होने से बचने पर जोर देते हुए कहते हैं कि टाइपकास्ट होना प्रतिभा पर अंकुश लगाने जैसा है। अभिनय जगत में टाइपकास्ट होने से बचना बेहद मुश्किल होता है, लेकिन एक काबिल अभिनेता को इससे बचना चाहिए।
देवेन ने गट्टू का किरदार निभाकर बेतहाशा लोकप्रियता हासिल की लेकिन वह टाइपकास्ट होने से नहीं बच पाए। उन्होंने कहा, “मैं टीवी और फिल्मों दोनों क्षेत्रों से जुड़ा हुआ है। यहां टाइपकास्ट होना बहुत आसान है। आपका एक किरदार लोकप्रिय होने पर आपको हर बार उसी तरह के किरदार निभाने की पेशकश की जाती है, जो मेरे साथ भी हुआ लेकिन खुशी है कि मैं इससे बाहर निकलने में लगभग कामयाब रहा हूं।”
देवेन ने आईएएनएस के साथ साक्षात्कार में बताया, “बा बहू बेबी में मेरा किरदार गट्टू खासा लोकप्रिय हुआ था, उसके बाद मुझे अन्य टीवी शो और फिल्मों में भी उसी तरह का किरदार निभाने की पेशकश की गई थी।”
देवेन एक्शन फिल्म ‘कमांडो-2’ से निर्देशन की कमान संभाल रहे हैं। देवेन जैसे हास्य अभिनेता ‘कमांडो 2’ जैसी एक्शन से भरपूर फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं, यह दर्शकों के लिए एकदम त्योरियां चढ़ाने वाला नहीं है क्या?
इसका जवाब देते हुए देवेन कहते हैं, “यह उस छवि से बाहर निकलने की कोशिश भी रही है और इसका एक मकसद यह रहा है कि इस फिल्म की कहानी मुझे बेहद पसंद आई और यही वजह रही कि मैंने इसका निर्देशन करने का जिम्मा संभाला।”
वह ‘कमांडो-2’ को टीवी से फिल्म की तरफ जाने की यात्रा बताते हुए कहते हैं कि मुझे हॉरर विधा छोड़कर हर तरह की विधा की फिल्में पसंद हैं। वह कहते हैं, “कॉमेडी बहुत मुश्किल विधा है। किसी को हंसाना आसान नहीं होता। मैं दर्शकों को काफी गुदगुदा चुका हूं। एक्शन के तड़के के साथ लोगों को भौचक करने का मन था।”
आजकल पुराने टीवी शो के रीमेक बनने का चलन है। ‘चंद्रकाता’ और ‘शरारत’ जैसे पुराने शो के रीमेक जल्द टीवी पर प्रसारित होने वाले हैं तो क्या ‘बा बहू और बेबी’ के रीमेक की भी तैयारियां चल रही हैं, इसके जवाब में देवेन कहते हैं, “नहीं, ‘बा बहू और बेबी’ के रीमेक का कोई विचार नहीं है। बहुत कम लोगों को पता है कि मैं उस शो का क्रिएटिव निर्देशक भी था और मेरे मातहत तीन और निर्देशक काम करते थे। अभी मेरा ध्यान फिल्मों पर ही है।”
हिंदी फिल्मों में फूहड़ता के आरोपों पर वह कहते हैं, “हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में बहुत सारी अच्छी फिल्में भी बन रही हैं। हमने कई तरह के मिथकों को तोड़ा है और जो लोग बॉलीवुड की हॉलीवुड से समानता करते हैं। मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि दोनों इंडस्ट्री में कोई समानता ही नहीं है, क्योंकि हॉलीवुड का भारी-भरकम बजट होता है जिसका मुकाबला हम नहीं कर सकते।”
देवेन कमाई के लिहाज से फिल्में बनाने में यकीन नहीं रखते। वह उस तरह की फिल्में बनाना चाहते हैं, जिसे देखकर दर्शक पछताए नहीं। वह कहते हैं, “मैंने पैसे के लिए कभी काम नहीं किया। मैं अच्छा काम करने में विश्वास रखता हूं। ऐसी फिल्में बनाना चाहता हूं, जिसे देखने के बाद दर्शकों को पछतावा नहीं हो। –आईएएनएस
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