दिल्ली-जयपुर हाईवे पर प्रदूषण जांच के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े का हरियाणा पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है।
पुलिस ने आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया है। छापे के दौरान सामने आया कि जगह-जगह लगाए गए प्रदूषण जांच केन्द्र के खोखे पूरी तरह फर्जी है।
रेवाड़ी जिले में इस तरह की यह पहली कार्रवाई की गई है, जिससे प्रदूषण जांच के नाम पर फर्जी धंधा करने वालों में हडक़ंप मच गया है।
चंडीगढ़ में जानकारी देते हुए पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि दिल्ली-जयपुर हाईवे पर प्रदूषण जांच के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है।
हाईवे पर सडक़ किनारे व कुछ पेट्रोल पंपों के बाहर खोखा लगाकर एक गिरोह के जरिए बगैर किसी लाइसेंस के वाहनों की प्रदूषण जांच के नाम पर मोटा खेल खेला जा रहा है।
सूचना के बाद पुलिस टीमों ने रविवार दोपहर संयुक्त कार्रवाई करते हुए अकेले धारूहेड़ा थाना क्षेत्र में ही आधा दर्जन ऐसे बूथों पर रेड की जो पूरी तरह से फर्जी चल रहे थे।
रेड के दौरान सभी प्रदूषण जांच केन्द्र में न तो कोई जांचने का उपकरण मिला और न ही कोई लाइसेंस से संबंधित दस्तावेज।
एक प्रदूषण जांच केन्द्र पर तो फर्जी तरीके से आरटीए का टैक्स जमा कराने के लिए भी साइन बोर्ड लगाया हुआ था।
पुलिस ने सभी को मौके पर ही पकड़ लिया। पुलिस मामले में कार्रवाई कर रही है।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने सबसे पहले एनएच- 8, निखरी कट स्थित कुंवर मनोहर ऑटो फ्यूल पंप पर रेड की।
पंप के सामने प्रदूषण जांच केन्द्र का खोखा लगा हुआ था। खोखे में बैठे अलवर के गांव बिलाली निवासी कबूल सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो कोई दस्तावेज नहीं मिला।
इसके अलावा निखरी कट के निकट ही सडक़ किनारे खोखा खोलकर बैठे महेन्द्रगढ़ के थनवास निवासी विकास को हिरासत में लिया गया।
शहीद बिजेन्द्र फिलिंग स्टेशन से मलाली खिरी जिला लख्मीपुर खीरी निवासी संतोष कुमार भार्गव व गोल्डन हट के निकट बने तिरूपति फिलिंग स्टेशन से यूपी इटावा के बसरिया निवासी संतोष, धारूहेड़ा के गौरव फ्यूल स्टेशन से महेन्द्रगढ़ निवासी प्रदीप को काबू किया गया है।
सभी प्रदूषण जांच केन्द्र फर्जी तरीके से चल रहे थे। आरोपियों के कब्जे से लैपटॉप व अन्य सामान भी जब्त किया गया है।
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