प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि किसान हमारे देश के ‘अन्नदाता’ हैं। देश की खाद्य सुरक्षा का पूरा श्रेय किसानों को जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने बुद्धवार को वीडियो ब्रिज के जरिये देश भर के किसानों के साथ संवाद करते हुए यह बात कही।
वीडियो संवाद के जरिये 2 लाख से भी अधिक साझा सेवा केन्द्रों; कॉमन सर्विस सेंटर, और 600 कृषि विज्ञान केन्द्रों को जोड़ा गया।
यह सरकारी योजनाओं के विभिन्न लाभार्थियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये प्रधानमंत्री के संवाद की श्रृंखला में सातवीं बातचीत है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 600 से भी अधिक जिलों के किसानों के साथ संवाद करने पर अत्यंत खुशी जाहिर की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने और किसानों को उनकी उपज की अधिकतम कीमतें दिलाने की दिशा में काम कर रही है।
मोदी ने यह भी कहा कि किसानों को खेती-बाड़ी से जुड़े सभी कदमों यथा फसलों की तैयारी से लेकर इनकी बिक्री तक मदद सुनिश्चित करने के लिए भी प्रयास किये जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा कि सरकार कच्चे माल की न्यूनतम लागत सुनिश्चित करने, उपज की उचित कीमत दिलाने, उपज की बर्बादी रोकने और किसानों के लिए आमदनी के वैकल्पिक स्रोत सुनिश्चित करने की इच्छुक है।
मोदी ने कहा कि सरकारी प्रतिबद्धता के परिणामस्वरूप किसानों को यह महसूस करना चाहिए कि ‘बीज से बाजार’ तक किस तरह विभिन्न पहलों से किसानों को पारम्परिक खेती.बाड़ी बेहतर करने में मदद मिली है।
कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव की चर्चा करते हुए नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पिछले 48 महीनों में कृषि क्षेत्र ने तेजी से प्रगति की है। उन्होंने यह भी कहा कि इस अवधि के दौरान देश में दूध, फलों और सब्जियों का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है।
पिछले 4 वर्षों के दौरान 517 किसान उत्पादक संगठनों का सृजन हुआ है और किसानों के बीच सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए किसान उत्पादक कंपनियों के लिए आयकर छूट की मंजूरी दी गई है।
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