पटना, 5 जनवरी(जस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां गुरुवार को कहा कि बिहार में प्रकाश पर्व का उत्साह देश के लिए न केवल प्रेरणा है, बल्कि यह उत्सव देश की एकता का प्रतीक भी है। सिखों के 10वें गुरु, गुरु गोविंद सिंह की जन्मस्थली पटना में 350वें प्रकाशोत्सव में भाग लेने पहुंचे मोदी ने गांधी मैदान में आयोजित समागम में कहा कि केंद्र सरकार इस बात का विशेष प्रयास कर रही है कि न केवल हिंदुस्तान में, बल्कि पूरे विश्व को इस बात का अहसास हो कि गुरु गोविंद सिंह जी जैसी दिव्य आत्मा का जन्म यहां हुआ।
प्रकाशोत्सव के सफल आयोजन को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, “नीतीश जी ने काफी मेहनत से इस आयोजन को सफल बनाया है। पटना में प्रकाश पर्व की विशेष अहमियत है।”
उन्होंने कहा, “प्रकाशोत्सव पर्व हमें सही रास्ते पर चलना सिखाता है। गुरु गोविंद सिंह जी त्याग की प्रतिमूर्ति थे। त्याग की पराकाष्ठा थे। उन्होंने अपनी आंखों के सामने पिता का बलिदान देखा, तो पुत्रों को भी सच्चाई के लिए बलि चढ़ते देखा। गुरु गोविंद सिंह जी की जिदंगी और उनके त्याग हमेशा इस दुनिया को जीने का तरीका बताते रहे हैं।”
उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत में पंजाबी भाषा में पंच प्यारे का जिक्र करते हुए कहा कि पंच प्यारे ने भारत को एकता के सूत्र में बांधने का काम किया। उन्होंने कहा कि आज के समय में हम सब की जिम्मेदारी है कि हम उनके आदर्शो से सीखते हुए देश को एकता में बांधने का काम करें।
इससे पूर्व, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी मैदान में बने अस्थायी गुरुद्वारे में मत्था टेका और गुरुवाणी सुनी। वह हवाईअड्डे से सीधे यहां पहुंचे। पटना हवाईअड्डे पर बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनका स्वागत किया।
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