पंजिम, 21 नवंबर| संप्रेषण माध्यम के रूप में फिल्मों की क्षमता का लोहा मानते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि फिल्में बेहतर ढंग से भारतीय संस्कृति और विरासत का चित्रण कर सकती हैं।
नायडू ने यहां सोमवार को राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम लिमिटेड (एनएफडीसी) द्वारा आयोजित एनएफडीसी फिल्म बाजार में ये बातें कहीं।
फिल्म बाजार अंतर्राष्ट्रीय और दक्षिण एशियाई फिल्मी समुदायों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
नायडू ने कहा, “फिल्म हमारी संस्कृति और विरासत को चित्रित कर सकती है। फिल्में हमारे देश के संदेशों को अन्य जगहों पर भी ले जा सकतीं हैं। इसलिए भारत सरकार इन्हें अत्याधिक महत्व देती है। हमने साझेदारी में फिल्म बनाने के लिए भी कई देशों के साथ समझौते किए हैं और उनके साथ काम करना चाहते हैं।”
फिल्म के जरिए हासिल हो सकने वाले व्यापक उद्देश्य पर जोर देते हुए नायडू ने कहा, “यह भारत में फिल्म निर्माण करने में काफी हद तक मदद करेगा और बदले में फिल्म देश के पर्यटन और संस्कृति को भी बढ़ावा देगी।”
फिल्म बाजार के विचार की सराहना करते हुए मंत्री ने कहा, “मैं फिल्म बाजार के विचार से प्रभावित हूं। यह फिल्म के सुपर बाजार जैसा है। आपके पास सब कुछ है, बेहतरीन स्थानों से लेकर फिल्मों को देखने तक, निर्माताओं के साथ बातचीत और तीन आयामों (3डी) में फिल्में देखने तक। फिल्म निर्माण के लिए जरूरी हर चीज यहां किसी को भी मिल सकती है।”
दसवें फिल्म बाजार का समापन गुरुवार को होगा।
====अरुंधति बनर्जी
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