नई दिल्ली, 3 जून (जनसमा)| ‘चेक प्वाइंट’ साॅफ्टवेयर टेक्नोलोजिज के शोधकर्ताओं ने एक नया खुलासा किया हे। इसके अनुसार फ़ायरबॉल नाम के एक चीनी मैलवेयर ने दुनिया भ्रर के 25 करोड़ कंप्यूटरों को संक्रमित कर दिया हे। इनमें सर्वाधिक प्रभावित होने वाले देशों में भारत और ब्राजील हैं।
कम्पनी ने ब्लाॅग में लिखा है कि भारत में 25.3 मिलियन (10.1%), ब्राजील में 24.1 मिलियन (9.6%), मेक्सिको में 16.1 मिलियन (6.4%) और इंडोनेशिया में 13.1 मिलियन ( 5.2%) कंप्यूटर संक्रमित हुए हैं। अमरीका में 5.5 मिलियन कम्प्यूटरों में संक्रमण (2.2%) देखा गया है।
यह कम्पनी कंप्यूटरों की अगली पीढ़ी के खतरे की रोकथाम, मोबाइल सुरक्षा,अगली पीढ़ी के फायरवॉल और सुरक्षा प्रबंधन का काम करती है।
‘चेक प्वाइंट’ के अनुसार फ़ायरबॉल नामक मैलवेयर, एक ब्राउज़र-हाइजैक्टर के रूप में कार्य करता है लेकिन इसे पूर्ण-कार्यशील मैलवेयर डाउनलोडर में बदल दिया जा सकता है।
वायर्ड डॉट कॉम ने कहा है कि ‘फायरबॉल’ ब्राउजर को हैक करने के लिए डिजायन किया गया है। यह डिफाल्ट सर्च इंजन गूगल और याहू को बदल देता है । बीजिंग स्थित डिजिटल मार्केटिंग फर्म राफोटेक की तरफ से प्रभावित यूजर के वेब ट्रैफिक की निगरानी करता है।
चेकप्वाइंट ने अपने ग्राहकों के नेटवर्क के विश्लेषण के आधार पर अनुमान लगाया है कि दुनिया भर में कॉरपोरेट नेटवर्क के पांच में से एक कंप्यूटर इस मैलवेयर से प्रभावित हैं।
फर्म ने यह भी कहा कि इस मैलवेयर में पीड़ित के मशीन पर किसी भी प्रकार के कोड को दूर बैठे ही रन करने तथा नए द्वेषपूर्ण फाइलों को डाउनलोड करने की क्षमता है। फेक सर्च इंजन में उपयोगकर्ताओं की निजी जानकारी एकत्र करने के लिए उपयोग किए जाने वाले ट्रैकिंग पिक्सल शामिल हैं।
‘फायरबॉल’ संक्रमित कम्प्यूटरों की जासूसी करने, कुशल मैलवेयर छोड़ने और संक्रमित मशीनों में किसी भी दुर्भावनापूर्ण कोड को निष्पादित करने की क्षमता रखता है, यह मशीनों और नेटवर्कों में एक विशाल सुरक्षा दोष पैदा करता है।
चेकप्वाइंट के अनुसार यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि जब कोई उपयोगकर्ता फ्रीवेयर इंस्टॉल करता है, तो अतिरिक्त मैलवेयर उसी समय हट नहीं जाता हे। यदि आप एक संदिग्ध फ्रीवेयर डाउनलोड करते हैं और मौके पर कुछ नहीं होता है, तो जरूरी नहीं है कि पर्दे के पीछे कुछ नहीं हो रहा हो।
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