पटना, 17 अगस्त (जनसमा)। बिहार के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। उत्तरी बिहार के कई इलाकों में तटबंधों में दरारे आगईं हैं या पानी उनके उूपर से बह रहा है है। तटबंधों के मद्देनजर एक चेतावनी भी जारी की गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक बाढ़ के कारण 106 लोग मारे गए हैं। 16 जिलों के लगभग 96 लाख से अधिक लोग अभूतपूर्व बाढ़ से जूझ रहे हैं। 4.50 लाख हेक्टेयर से अधिक इलाकों में फसलें चौपट होगई है। हजारों झोपड़ियों और कच्चे मकानों को भरी नुकसान हुआ है या वे बारिश और बाढ़ के कारण नष्ट होगई हैं।
फोटो : 17 अगस्त, 2017 को सीतामढ़ी जिले के बाढ़ग्रस्त इलाके में गांव के लोग एक बीमार को लेजाते हुए। (फोटो: आईएएनएस)
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सभी स्कूलों को 19 अगस्त तक बंद कर दिया गया है। राज्य सरकार ने जानकारी दी है कि सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के 50 बचाव दल प्रभावित जिलों में 276 नौकाओं के साथ बचाव का काम कर रहे हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों गोपालगंज, पूर्व और पश्चिम चंपारण का हवाई सर्वेक्षण भी किया हैं।
तीन हेलिकोप्टर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भोजन के पैकेट गिरा रहे हैं। इसके अलावा 504 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं जिसमें एक लाख तीस हजार से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं।
उत्तरी बिहार में रेलवे सेवाएं बुरी तरह बाधित हुई है, क्योंकि रेलवे पटरियों पर कई जगह पानी भरा हुआ है या वे क्षतिग्रस्त होगई हैं। कई स्थानों पर रेलवे ट्रैक पर घुटने-घुटने पानी बह रहा है। रेल लाइन और सिग्नलिंग सिस्टम को व्यापक नुकसान पहुंचा है।
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