नई दिल्ली, 18 दिसम्बर | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लेफ्टिनेंट जनरल विपिन रावत को नया सेना प्रमुख नियुक्त करने पर सवाल उठाने पर कांग्रेस व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) को आड़े हाथ लिया है। पार्टी ने रविवार को कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए सेना को राजनीतिक वाद-विवाद में नहीं घसीटा जाना चाहिए।
भाजपा प्रवक्ता जी.वी.एल. नरसिम्हा ने कहा, “हम क्षुद्र राजनीतिक स्वार्थ के लिए बार-बार सशस्त्र बलों को राजनीतिक विवाद में घसीटे जाने के लिए कांग्रेस की निंदा करते हैं।”
लेफ्टिनेंट जनरल विपिन रावत फोटो :PIB
उन्होंने राजनीतिक दलों से इस मामले का राजनीतिकरण नहीं करने का अनुरोध किया क्योंकि इससे सशस्त्र बलों के मनोबल पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
उन्होंने कहा, “राष्ट्रहित में, जो कि सर्वोच्च है, एक लाल रेखा होती है जिसे कांग्रेस और वामपंथी दलों को नहीं लांघना चाहिए। लेकिन, कांग्रेस अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस रेखा के बार-बार उल्लंघन की दोषी है।”
सरकार ने शनिवार को नए सेना प्रमुख के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल रावत को नियुक्त किया।
लेफ्टिनेंट जनरल रावत की नियुक्ति पूर्वी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी और दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पी.एम. हारिज की वरिष्ठता को नजरअंदाज कर की गई।
कांग्रेस ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वरिष्ठों को दरकिनार कर लेफ्टिनेंट जनरल विपिन रावत को नया सेना प्रमुख नियुक्त किए जाने का कारण बताने को कहा।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम प्रधानमंत्री से जानना चाहते हैं कि वे कौन से बाध्यकारी कारण थे जिसकी वजह से वरिष्ठताक्रम की इस अनदेखी की जरूरत पड़ी? क्यों वरिष्ठता के सिद्धांत, जो करीब दो दशकों से चला आ रहा था, का सम्मान नहीं किया गया?”
भाकपा नेता डी. राजा ने आईएएनएस से कहा कि सरकार शीर्ष पदों पर नियुक्तियों में विवाद पैदा करती रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सलाह दी कि ‘सेना को हर बार विवाद में नहीं घसीटना चाहिए।’–आईएएनएस
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