नई दिल्ली, 16 नवंबर | देश की राजधानी में चल रहे 36वां इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर (आईआईटीएफ) घोर नकदी संकट का सामना कर रहा है। 500 और 1000 रुपये के नोट बंद होने के बाद अधिकांश विदेशी प्रतिभागी खर्चे के लिए एक भी भारतीय रुपया नहीं होने या बहुत कम रुपया होने की शिकायत कर रहे हैं।
चीन के पैवेलियन एक व्यापारी ग्रेस वू ने आईएएनएस से कहा, “मेरे पास भारतीय मुद्रा बिल्कुल नहीं है। चाय पीने के लिए भी पैसा नहीं है। हम लोग व्यापारियों के समूह के हिस्से के रूप में आए हैं। शुक्र है कि हमारे होटल में रहने और खाने का इंतजाम उसके तहत है।”
चीन के पैवेलियन के ही हार्डवेयर विक्रेता फेंगाबाओ लियू ने कहा, “मेरे पास एक भी रुपया नहीं है। भीड़ की वजह से हवाईअड्डे पर भी मुद्रा बदल नहीं सका।”
लियू ने कहा कि वह एक बड़े समूह के साथ आए हैं, इसलिए प्रबंधक ने कुछ नकदी देकर उनकी मदद की।
यहां प्रगति मैदान में आईआईटीएफ का आयोजन वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) ने किया है और यह 27 नवंबर तक चलेगा।
चाइनीज बैटरी के काउंटर पर बिक्री प्रबंधक समर लियू कहते हैं, “मैं हवाईअड्डे पर केवल 50 डॉलर ही बदल सकता था। नकदी संकट के कारण बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हवाईअड्डे पर भी और यहां एटीएम पर भी हर जगह लंबी-लंबी लाइनें लगी हैं।”
अफगानिस्तान की एक महिला व्यापारी ने दुख जताते हुए कहा, “हमें भारतीय मुद्रा नहीं रहने की वजह से बहुत परेशानी हो रही है। हमारे पास खर्च के लिए बिल्कुल पैसा नहीं है।”
मेवा बेचने वाले अफगानिस्तान के एक अन्य व्यापारी ने मुस्कुराते हुए आईएएनएस से कहा, “मैंने किसी तरह इंतजाम किया है। अपने कुछ दोस्तों से यहां उधार लिया है। मैंने पर्याप्त नकदी जुटा ली है।”
व्यापार मेले में व्यापारियों को कार्ड से भुगतान लेने पर ही भरोसा करना पड़ रहा है।
=====मेघना मित्तल
(फाइल फोटो)
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