मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि यद्यपि राज्य पर 45,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण का बोझ है, लेकिन विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए योजनाबद्ध ढंग से आगे बढ़ने की सोच होनी चाहिए।
ठाकुर ने मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालने के उपरान्त सोमवार को शिमला में प्रशासनिक सचिवों तथा विभागाध्यक्षों के साथ प्रथम बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि लम्बित कार्यों को पूरा करने के लिए सौ दिनों का लक्ष्य निर्धारित कर ‘दिल से’ कार्य करें तथा सरकार के कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए नई चुनौतियों का सामना करने के लिए इसे फिर से अगले एक सौ दिन दोहराएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘एक नियमित कार्य के तौर पर नहीं, अपितु आपको लीक से हटकर सोचना है ताकि हम सब मिलकर हिमाचल को एक ऐसा राज्य बना सके जिसका दूसरे राज्य अनुसरण करें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी हमसे यही अपेक्षा
है। हालांकि, हिमाचल एक छोटा राज्य है, लेकिन विकास तथा कल्याण के मामले में राज्य से बहुत उम्मीद है, जिसके लिए सभी अधिकारियों का समर्थन व सहयोग आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसी भी मंच पर सुझावों का स्वागत करती है और हम सुनिश्चित करते हैं कि सरकार पूर्ण सहयोग करेगी और विभागों से भी यहीअपेक्षा करते हैं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि मुख्य प्राथमिकता केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं को आगे बढ़ाना है, जिन्हें पिछली सरकार के कार्यकाल में नजरअंदाज किया जा रहा था और घोंघे की गति से कार्य चल रहा था। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार को इन योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू व उन्हें पूरा करने की जिम्मेवारी है।
उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि हाल ही की एक बैठक में प्रधानमंत्री ने विकास के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश को दूसरे राज्यों के लिए आदर्श के रूप में देखने की कामना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान केन्द्र सरकार की ओर से धन और परियोजनाओं की कोई कमी नहीं थी, लेकिन यह चिंताजनक है कि इसका क्रियान्वयन पूरे दिल से नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि ‘मैं चाहता हूं कि आप सभी को नई पहल तथा विचारों के साथ दिनचर्या से हटकर काम करना चाहिए।
जय राम ठाकुर ने यह स्पष्ट किया कि उच्चतम स्तर पर भी भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहनशीलता होगी और इसके बारे में पूरी जांच होगी। प्रत्येक को सुनिश्चित बनाना चाहिए कि यदि कोई भ्रष्ट प्रथाओं में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आप सभी के बेहतरीन योगदान की उम्मीद करते हैं, ताकि प्रदेश के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रत्येक विभाग अपने कार्य तथा निर्धारित लक्ष्यों की प्रस्तुति देगा, जिसकी समीक्षा मुख्यमंत्री के कार्यालय तथा संबंधित मंत्रियों द्वारा की जाएगी।
मुख्य सचिव विनीत चौधरी ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिया कि प्रशासन उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा और लोगों को लाभान्वित करने के लिए कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि हम ईमानदारी के साथ जमीनी स्तर पर कार्य करेंगे।
सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर, बहुउद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. राजीव सहजल, अतिरिक्त मुख्य सचिव/ मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव श्रीमती मनीषा नन्दा सहित राज्य सरकार के समस्त प्रशासनिक सचिवों तथा विभागाध्यक्षों ने भी बैठक में भाग लिया।
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