यह चित्र उस महान् आत्मा की अंतिम स्मृति है। इस चित्र में गांधीजी के खून से सने कपड़े सुरक्षित रखे गए हैं। गांधीजी के महाप्रयाण के गवाह खून से सने यह कपड़े बताते हैं कि उस महान् आत्मा ने अंतिम समय में ‘हे राम’ ही कहा था, किसी को दोष नहीं दिया था।(फोटो: जनसमाचार)
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