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ढाई करोड़ महिलाओं को गैस कनेक्‍शन दिए गए

मुर्शिदाबाद, 15 जुलाई (जनसमा)।  प्रधानमंत्री उज्‍ज्‍वला योजना के अंतर्गत 14 महीनों के अंतराल में ढाई करोड़ महिलाओं गैस कनेक्‍शन वितरित किये जाचुके हैं। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने उत्‍तर प्रदेश के बलिया में 1 मई, 2016 को प्रधानमंत्री उज्‍ज्‍वला योजना का शुभारंभ किया था। इस योजना से देशभर में विशेषकर उन महिलाओं के जीवन में परिवर्तन आया है जो साधन विहिन थीं और गरीबी की रेखा से नीचे जीवन बसर कर रही थीं।

प्रधानमंत्री उज्‍ज्‍वला योजना के अंतर्गत राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को पश्‍चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के रघुनाथगुंज में 11 महिलाओं को एलपीजी कनेक्‍शन वितरित किये।

जांगीपुर में आयोजित एक समारोह में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धमेन्‍द्र प्रधान ने बताया कि पश्‍चिम बंगाल में एलपीजी कनेक्‍शन वितरण की संख्‍या उत्‍तर प्रदेश के बाद सर्वाधिक है। पश्‍चिम बंगाल में एलपीजी कनेक्‍शन मुहैया कराने के लिए 600 से अधिक वितरकों को शामिल किया गया है। इनमें से मुर्शिदाबाद जिले में 50 वितरक शामिल हैं।

इस योजना के तहत 2019 तक गरीबी की रेखा के नीचे जीवन बसर करने वाली 5 करोड़ महिलाओं को एलपीजी कनेक्‍शन उपलब्‍ध कराया जाएगा। योजना के तहत 2019 तक देश की सभी घरों में एलपीजी कनेक्‍शन मुहैया कराए जाने के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने के लिए 10 करोड़ नए एलपीजी कनेक्‍शन उपलब्ध कराए जाएंगे। देश के इतिहास में पहली बार पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय करोड़ों गरीब महिलाओं के लिए कल्‍याण योजना को लागू कर रही है।

गरीबी की रेखा के नीचे जीवनयापन कर रहे परिवारों की पहचान 2011 की सामाजिक, आर्थिक जाति योजना (एसईसीसी) के आंकड़ों के तहत की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत महिला लाभार्थी को 1600 रूपये की सहायता भी दी जा रही है। इसमें 14.2 किलोग्राम सिलिंडर की सिक्‍योरिटी जमा, प्रेशर रेग्‍युलेटर, सुरक्षा हॉज, गैस उपभोक्‍ता कार्ड और गैस लगाने का चार्ज शामिल है।

2016-17 के वित्‍त वर्ष में तेल विपणन कंपनियां देशभर में तीन करोड़ 25 लाख नए कनेक्‍शन उपलब्‍ध कराएगी। किसी भी वर्ष की तुलना में एलपीजी कनेक्‍शन वितरण की यह संख्‍या सर्वाधिक है।

पिछले तीन वर्षों के दौरान देश में एलपीजी कनेक्‍शन की मांग में भारी बढ़ोतरी हुई है। तीन वर्षों के दौरान पांच हजार से अधिक नए वितरक शामिल किए गए हैं। प्रधानमंत्री उज्‍ज्‍वला योजना के तहत एलपीजी की मांग को पूरा करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में वितरकों को प्राथमिकता दी गई है।