अशोक गहलोत, कमलनाथ तथा भूपेश बघेल सोमवार को मुख्य मंत्री पद की शपथ लेंगे।
तीन हिंदी भाषी राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पुनः सत्ता में लौट रही है। विधान सभा चुनावों में जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में से मुख्यमंत्री का चुनाव करने में कांग्रेस ने खासाा वक्त लगाया।
सोमवार को मुख्यमंत्री पद की लेने वाले हैं राजस्थान में अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश में कमलनाथ तथा छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल।
कई दिनों की मशक्कत के बाद राहुल गांधी के कूटनीतिक प्रयासों से ये नेता मुख्यमंत्री चुने गए हैं।
कांग्रेस के लिए तीन हिंदी भाषी राज्यों में पुनः शासन में लौटना 2019 के चुनाव के लिए एक वरदान माना जारहा है ।
इन तीनों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकारें थी। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस भारी बहुमत से सरकार बनाने जा रही है, वहीं मध्य प्रदेश और राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस की कड़ी टक्कर के बाद कांग्रेस सरकार बनाने में सफल हो रही है।
दूसरी और तीनों राज्यों के चुने गये कांग्रेस विधायकों में मंत्री बनने की भी होड़ मची हुई है । पार्टी आला कमान जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए और लोकसभा चुनाव के संदर्भ में चयन की प्रक्रिया शुरू कर चुका है।
रविवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में भूपेश बघेल आगे रहे।
उन्होंने राज्य में कांग्रेस का नेतृत्व किया था और पार्टी के पैर जमाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल में भी परिवहन मंत्री थे। भाजपा शासन के दौरान उन्होंने पार्टी को मजबूत बनाने के लिए कार्य किया था।
राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व से राज्य की जनता परिचित है और पिछले दो कार्यकाल के दौरान अशोक गहलोत ने जनता में अपनी पैठ बनाई थी हालांकि 2013 के चुनाव के दौरान अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस को करारी मात मिली थी और वसुंधरा राजे भाजपा की सरकार बनाने में सफल हुई थी ।
मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व को चुनौती देते हुए कांग्रेस वहां सरकार बना रही है ।हालांकि कांग्रेस के सामने वहां अनेक प्रकार की चुनौतियां है । प्रदेश में कांग्रेस अन्तरद्वन्द्व के बीच फंसी हुई है।
राहुल गांधी तीनों राज्यों के दूसरी श्रेणी के नेताओं को मनाने में सफल रहे कि नेतृत्व किसे दिया जाना चाहिए और क्यों दिया जाना चाहिए।
अब कांग्रेस के सामने 2019 का चुनौती भरा चुनाव सामने है, इसलिए पार्टी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है ।
उधर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने जा रहे कमलनाथ में कहा कि 10 दिन में किसानों के कर्ज माफ करने का काम करूंगा, भले ही पहले ही खजाना खाली हो।
एक समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू में साफ तौर से कहा कि हमारी प्राथमिकता चुनाव में कांग्रेस के द्वारा दिये गये वचन पत्र पर आधारित है जिसमें किसानों की कर्ज माफी प्रमुख है ।
इसके साथ युवाओं को रोजगार और महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने की जिम्मेदारी भी है।
जब उनसे पूछा गया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उनके संबंध कैसे रहेंगे और वह भी सीएम पद के उम्मीदवार थे तो उन्होंने कहा कि हमने साथ साथ काम किया है और वह मेरे अच्छे दोस्त हैं और हमारे दोनों के बीच में कोई मतभेद नहीं है।
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