जयपुर,13 जुलाई। राजस्थान में राजनीतिक संकट(Rajasthan political crisis) पूरी तरह खत्म हो गया है यह तो दावे के साथ नहीं कहा जा सकता किन्तु यह अवश्य कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत CM Ashok Gehlot) ने अपने जादुई करतब से कांग्रेस नेतृत्व के सामने विक्ट्री साइन (Victory sigh) दिखा कर सरकार बचाने में सफलता जरूर हासिल कर ली है।
सोमवार को जयपुर में अपने निवास स्थान पर कांग्रेस विधायक दल (Congress Legislative Party )की बैठक बुलाकर और मीडिया को आमंत्रित कर उसके सामने अपना बहुमत जरूर साबित कर दिया।
गहलोत (Gehlot) के समर्थकों का दावा है कि इस बैठक में 102 धिायक मौजूद थे।
यह अलग बात है कि अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने खुले विद्रोह की घोषणा की और पार्टी के सामने बहुमत सिद्ध करने की चुनौती आ गई। इसलिए पायलट ने दावा किया कि गहलोत सरकार अल्पमत में आ गई है क्योंकि 30 से अधिक कांग्रेस विधायक उनके साथ हैं।
इससे पहले, कांग्रेस ने अपने विधायकों और मंत्रियों से पार्टी विधायिका की बैठक में भाग लेने की अपील की।
जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, वरिष्ठ कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और अन्य मंत्रियों और विधायकों को बैठक में भाग लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सचिन पायलट और अन्य नेताओं के साथ फोन पर कई चर्चाएं हुईं। उन्होंने कहा कि यदि कोई मतभेद हैं, तो इन्हें पार्टी फोरम पर रखा जाना चाहिए और पार्टी इसका समाधान करेगी।\
गहलोत(Gehlot) ने शनिवार को आरोप लगाया था कि भाजपा राज्य सरकार को गिराने के लिए कांग्रेस विधायकों को लुभाने की कोशिश कर रही है।
वहीं नई दिल्ली में भाजपा ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि वर्तमान घटनाक्रमों से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है। यह तो केवल गहलोत और पायलट के बीच के सत्ता संघर्ष की झलक दिखती है।
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