भोपाल, 5 सितम्बर । जर्मनी के सहयोग से मध्यप्रदेश के विद्यार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की वोकेशनल ट्रेनिंग दिलाई जायेगी। जर्मनी कुशल मानव शक्ति के आधार पर ही विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक देश है।
मध्यप्रदेश के तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास (स्वतंत्र प्रभार), स्कूल शिक्षा एवं श्रम राज्य मंत्री दीपक जोशी ने यह बात जी.आई.जेड. जर्मनी के भारत में प्रोजेक्ट डायरेक्टर जोहानेस स्ट्रिटमेटर से भेंट के दौरान कही।
विश्व के कुल 130 देश में जी.आई.जेड. संस्था काम कर रही है। भारत में महाराष्ट, कर्नाटक और राजस्थान में स्किल डेव्हलपमेंट के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। यह संस्था जर्मनी सरकार से संबद्ध है। मशीन तो सब जगह लगभग समान हैं, लेकिन कुशल मानव शक्ति ही मशीनों का बेहतर उपयोग कर सकती है। गौरतलब है कि भोपाल का क्रिस्प भी जर्मनी के सहयोग से ही संचालित किया गया था।
जोशी से ब्रिटेन के मिनिस्टर काउंसलर डेव्हलपमेंट फॉर इंटरनेशनल डेव्हपमेंट (डी.एफ.आई.डी.) गेविन मेक्गिलिवेरे ने भेंट की। डी.एफ.आई.डी. विगत तीन वर्षों से मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास मिशन के साथ काम कर रहा है। प्रदेश में निर्माण, कृषि, सोलार एनर्जी, आटो मोबाइल और टूरिज्म सेक्टर में कौशल विकास की अधिक जरूरत है।
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