घोघा-दहेज के बीच रो-रो फेरी सर्विस का प्रथम चरण का शुभारंभ किया जा रहा है। ये भारत में अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है। यही दक्षिण पूर्वी एशिया का भी पहला बड़ा प्रोजेक्ट है।
“हम पुरानी approach के साथ नए नतीजे प्राप्त नहीं कर सकते हैं। न ही पुरानी सोच के साथ नए प्रयोग किए जा सकते हैं। Ghogha-Dahej Ro-Ro ferry service इसका भी बहुत बड़ा उदाहरण है।”
गुजरात के घोघा में घोघा-दहेज रो-रो फेरी सेवा तथा पशु-आहार निकाय के उद्दघाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 अक्टूबर को ये बातें कही।
The Prime Minister, Narendra Modi on the maiden voyage of Ro-Ro Ferry Service between Ghogha and Dahej, in Gujarat on October 22, 2017.
उनके भाषण के प्रमुख अंश इसप्रकार हैं :
- घोघा दहेज के बीच Ro-Ro ferry service का प्रथम चरण का शुभारंभ किया जा रहा है। ये भारत में अपनी तरह का पहला project है। यही दक्षिण पूर्वी एशिया का भी ये इतना बड़ा पहला project है। मैं गुजरात के लोगों को, यहां की सरकार को, 650 करोड़ रूपयों का ये project, अनेक आधुनिक तकनीक के साथ परिपूर्ण करने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। इस project की शुरूआत के साथ साढ़े छ: करोड़ गुजरातियों का एक बहुत बड़ा सपना पूरा हुआ है।
- गुजरात के हजारों साल का सामुद्रिक यात्रा का इतिहास रहा है। नांव बनती यहां थी। नाव लेकर दुनिया में जाकर लोगों की परंपरा थी। लोथल 84 देशों के झंडे यहां पर फहरते थे। फलफी यूनिवर्सिटी 1700 साल पहले अनेक देशों के बच्चे हमारे यहां फलफी यूनिवर्सिटी में पढ़ते थे। लेकिन पता नहीं क्या हुआ सब कुछ इतिहस की तरह नीचे जमीन में दब गया। वो भी तो एक जमाना था।
- सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के बीच हर रोज लगभग 12 हजार लोग यात्रा करते हैं। पांच हजार से ज्यादा गाड़ियाँ हर रोज इन दो क्षेत्रों को connect करने के लिए सड़कों पर दौड़ती हैं। जब यही connectivity सड़क के बजाय समुद्र से होगी, तो 307 किलोमीटर की दूरी 31 किलोमीटर में बदल जाएगी। एक फेरी अपने साथ 500 से ज्यादा लोग, 100 के लगभग कारें, 100 के करीब ट्रकें ये अपने साथ लेकर के जा सकती है।
- गुजरात के सबसे ज्यादा औद्योगिकरण वाले क्षेत्र जैसे दहेज, बड़ोदरा और उसके आस-पास के मार्गों पर गाडि़यों की संख्या कम होगी, गाडि़यों की रफ्तार बढ़ेगी और तेजी यहां के पूरे economy system को top-gear में ले जाएगी।
- सरकार आने वाले दिनों में Maritime University बनाने और लोथल में Maritime Museum बनाने पर भी बहुत विस्तार से काम इन दिनों चल रहा है। इन सारे कार्यों के साथ ही यहां रहने वाले मेरे मछुवारे भाई बंघु और स्थानिय लोगों का विकास हो, इसके लिए सागर-खेड़ू विकास कार्यक्रम जैसी योजनाएं भी हम लगातार चला रहे हैं। इसी बात पर भी जोर दिया कि Shipping Industry में स्थानिय युवाओं को प्रशिक्षित करके उन्हें ही रोजगार दिया जाएगा।
- भावनगर से Alang-Sosiya Ship Recycling Yard तक के लिए एक alternative road भी उस पर भी काम कर रही है। एशिया के सबसे बड़े Ship Recycling Yard में 15 से 25 हजार कर्मचारी काम करते हैं। Alang-Sosiya Ship Recycling Yard भावनगर से करीब 50 किलोमीटर दूर है। अभी जो route उस पर काफी जाम की कितनी दिक्कत रहती है। मुझे लगता है वो मुझे बताने की जरूरत नहीं है। सरकर ने ये तय किया है Alang-Sosiya Ship Recycling Yard और मअुवा, पीपावाओ और जाफराबाद, वैरावल को जोड़ने वाला जो एक वैकिल्पक रूट है उसे चौड़ा किया जाएगा, upgrade किया जाएगा। भविष्य में Alang Yard की क्षमता भी बढ़ने जा रही है और उसे देखते हुए बीच सड़क का आधुनिकीकरण आवश्यक हो गया है। इस रूट से Ghogha-Dahej ferry service के लिए आ रही गाडि़यों को भी फायदा होने वाला है।