नई दिल्ली, 9 मार्च | केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि सरकार और लोकसभा को संदिग्ध आतंकवादी सैफुल्ला के पिता सरताज के साथ सहानुभूति है, जिन्होंने अपने ‘देशद्रोही बेटे’ का शव लेने से इनकार कर दिया था। राजनाथ सिंह ने भोपाल-उज्जैन पेंसेंजर ट्रेन में हुए विस्फोट और लखनऊ में उसके बाद आतंकवाद रोधी अभियानों के बारे में कहा कि आतंकवाद रोधी अभियानों से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक संभावित खतरे को सफलतापूर्वक टालने में मदद मिली और इसकी आगे की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दी जाएगी।
टीवी फोटो : केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह
गृहमंत्री ने लखनऊ में पुलिस के साथ चली 12 घंटे लंबी मुठभेड़ में मारे गए सैफुल्ला के पिता के बारे में कहा, “उत्तर प्रदेश पुलिस जब उसका शव सौंपने के लिए उसके पिता सरताज से मिली तो उन्होंने कहा कि जो अपने देश का नहीं हुआ, वह मेरा क्या होगा।”
सिंह ने कहा, “उन्होंने कहा कि मैने पूरी जिंदगी मेहनत से परिवार को पाला है, लेकिन सैफुल्ला ने मुझे शर्मिदा कर दिया। मुझे सैफल्ला के पिता के साथ सहानुभूति है, मुझे यकीन है कि पूरे सदन को उनके साथ सहानुभूति होगी।”
मंत्री ने कहा, “उन्होंने (सरताज ने) अपने बेटे को खो दिया है। सरकार को ऐसे लोगों पर गर्व है। पूरे सदन को ऐसे लोगों पर गर्व है।”
राजनाथ की इस बात का सत्ता पक्ष और विपक्ष ने मेज थपथपाकर स्वागत किया।
पुलिस के मुताबिक, लखनऊ में बुधवार तड़के मारा गया सफुल्ला खुद से कट्टरपंथी बना था और वह गिरफ्तार किए गए पांच लोगों समेत अन्य लोगों के साथ मिलकर शहर में इस्लामिक स्टेट का खोरासान गुट बनाने का प्रयास कर रहा था।
गृहमंत्री ने ट्रेन विस्फोट और आतंकवाद रोधी अभियानों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस मामले में कार्रवाई राज्य के पुलिस बलों और केंद्रीय एजेंसियों के बीच अच्छे समन्वय का उदाहरण है।
सिंह ने कहा, “ये घटनाएं राज्य पुलिस बलों और केंद्रीय एजेंसियों के बीच अच्छे समन्वय का उदाहरण हैं। दोनों राज्यों की पुलिस की त्वरित कार्रवाई की बदौलत, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक संभावित खतरे को टाला जा सका। इसकी आगे की जांच एनआईए को सौंप दी जाएगी।” –आईएएनएस
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