नई दिल्ली, 29 अक्टूबर | कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि सरकार ने पिछले कुछ सप्ताह में जिस तरह के फैसले लिए, उससे सेना के मनोबल पर प्रतिकूल असर पड़ा है और उन्हें दुख व पीड़ा हुई है। यह पत्र मोदी द्वारा दिवाली पर सशस्त्र बलों को पत्र व संदेश भेजने का अभियान शुरू करने के कुछ दिनों बाद सामने आया है।
राहुल ने मोदी को शुक्रवार को लिखे एक पत्र में कहा कि पिछले कुछ सप्ताह के दौरान सरकार द्वारा लिए गए फैसलों से उन्हें निराशा हुई है। राहुल ने आग्रह किया कि जवानों की चिंता सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि उनके लिए काम कर के की जानी चाहिए। शनिवार को इस पत्र को मीडिया के लिए जारी किया गया।
उन्होंने कहा, “चूंकि हम दिवाली मनाते हैं, जो अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। इसलिए हम इस संदेश को अपने जवानों तक भेजें कि उनके प्रति हमारी कृतज्ञता शब्दों और कार्यो दोनों में निहित है। यह उनके लिए बेहद कम है, जो हमारा भविष्य संवारने के लिए अपना वर्तमान कुर्बान करते हैं।”
राहुल ने मोदी से सशस्त्र बलों से संबंधित सातवें वेतन आयोग की विसंगतियों का समाधान करने तथा वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) का सार्थक तरीके से क्रियान्वयन करने की अपील की।
उन्होंने कहा, “मैं यह पत्र आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए लिख रहा हूं। पिछले कुछ सप्ताह के दौरान, सरकार द्वारा लिए गए फैसलों के बारे में मीडिया में खबरें आई हैं, जिसके बारे में मेरा मानना है कि सरकार के उन फैसलों का सशस्त्र बलों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।”
राहुल ने कहा, “सरकार ने पिछले कुछ सप्ताह में जिस तरह के फैसले लिए, उससे सेना के मनोबल पर प्रतिकूल असर पड़ा है, और उन्हें दुख व पीड़ा हुई है।”
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, “विकलांगता पेंशन प्रणाली एक नई स्लैब प्रणाली में तब्दील कर दी गई है, जिसके कारण विकलांग सैनिकों का पेंशन अधिकांश मौकों पर बेहद कम हो जाएगा।”
उन्होंने कहा कि सातवें वेतन आयोग से हमारे रक्षा बलों का नुकसान होना जारी है और यह उनके तथा असैन्य कर्मचारियों के बीच असमानता को और बढ़ाता है।
राहुल ने कहा, “और अंतत:, जो भी वादा किया गया था उसके विपरीत, सरकार जिस ओआरओपी का क्रियान्वयन कर रही है, वह भूतपूर्व सैनिकों की वाजिब मांगों को पूरा नहीं करती और अपने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर आवाज बुलंद करने के लिए वह सड़क पर आने को मजबूर हैं।”
राहुल गांधी ने मीडिया की उन खबरों की ओर इशारा किया, जिसमें दावा किया गया है कि 18 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में सरकार ने सैन्य अधिकारियों की हैसियत उनके असैन्य समकक्षों की तुलना में कम कर दी गई है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, “इसलिए मैं आपसे अपील करता हूं कि आप सुनिश्चित करें कि हमारे सैनिकों का बकाया मिले, चाहे वह मुआवजे से संबंधित हो, विकलांगता पेंशन या असैन्य कर्मियों की समानता से संबंधित हो।”
उन्होंने कहा कि उनकी मांग को अवश्य पूरा किया जाना चाहिए, क्योंकि सैनिकों को अपने संघर्ष के लिए यह दावा करने की जरूरत नहीं है कि देश उनका कितना आभारी है।–आईएएनएस
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