नई दिल्ली, 20 फरवरी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए यूनिसेक्स शौचालयों, आश्रय घरों, आयुष्मान कार्ड और अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने और सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए आयोजित बैठक में विचार-विमर्श किया है।
बैठक के दौरान मंत्रालय ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण और मान्यता को बढ़ाने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाते हुए इन मुद्दों को हल करने की अपनी प्रतिबद्धता जताई।
इसके आलावा इस समुदाय के लिए शिक्षा, सम्मान के साथ जीवनयापन, स्वास्थ्य सहायता, आजीविका के अवसर और कौशल वृद्धि से संबंधित मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया।
बैठक के दौरान, यूनिसेक्स शौचालयों की आवश्यकता, आश्रय घरों की स्थापना, आयुष्मान कार्ड का वितरण और गरिमागृह का प्रावधान जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की गई। चर्चा के दौरान, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों और अवसरों को पूरी तरह से प्राप्त करने में आने वाले व्यवधानों को दूर करने के लिए ठोस प्रयासों की आवश्यकता पर भी बल दिया गया।
बैठक के दौरान, ट्रांसजेंडर पोर्टल पर भी चर्चा की गई। इस पोर्टल की अवधारणा संसाधनों और सहायता सेवाओं तक पहुंच को सुव्यवस्थित करने के लिए एक केंद्रीकृत मंच के रूप में की गई थी, ताकि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं में नेविगेशन में आसानी हो।
मंत्रालय ने वर्तमान में जारी सहयोग और संवाद के महत्व पर जोर देते हुए, ट्रांसजेंडर समुदाय के न्यायसंगत समावेश और सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के लिए अपने निश्चय को दोहराया।
बैठक में ट्रांसजेंडर समुदाय के सम्मानित सदस्यों के साथ-साथ विभिन्न मंत्रालयों/विभागों/राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने सक्रिय रूप से भागीदारी की।
वैठक में मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों और ट्रांसजेंडर समुदाय के सम्मानित सदस्यों ने इस महत्वपूर्ण महत्व के मामलों पर गहन चर्चा करते हुए ट्रांसजेंडर आबादी के सामने आने वाली प्रणालीगत चुनौतियों का हल निकालने की तात्कालिकता पर भी बल दिया।
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